
नई दिल्ली स्थित न्यू महाराष्ट्र सदन में 5 जुलाई को वैश्य समाज का एक ऐतिहासिक और भव्य महासम्मेलन आयोजित हुआ, जिसमें देशभर से समाज के विभिन्न घटकों ने एकत्र होकर एकता और गौरव का अद्भुत प्रदर्शन किया। इस गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली अग्रोहा विकास ट्रस्ट द्वारा किया गया, जो ट्रस्ट की नवगठित कार्यकारिणी के शपथग्रहण समारोह के रूप में संपन्न हुआ।
सम्मेलन में माहेश्वरी, जैन, खंडेलवाल, साहू, गुप्ता, अग्रवाल आदि समाजों के प्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता रही, जिससे यह आयोजन न केवल राजधानी बल्कि समूचे वैश्य समाज के लिए एक ऐक्य और ऊर्जा का केंद्र बन गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति श्री सुधीर अग्रवाल, जिन्होंने अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि प्रकरण में ऐतिहासिक निर्णय सुनाया था, तथा लोकसभा सांसद श्री प्रवीण खंडेलवाल, जो वैश्य समाज की आवाज संसद में बुलंद कर रहे हैं। इनके साथ ही विधायक अशोक गोयल देवरहा, भाजपा दिल्ली के महासचिव विष्णु मित्तल, और कई निगम पार्षद भी मंच पर उपस्थित रहे।

इस अवसर पर ट्रस्ट के चेयरमैन श्री नंदकिशोर अग्रवाल के नेतृत्व में संरक्षक गणपत गोयल, अध्यक्ष बी.पी. गर्ग, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवरत्न अग्रवाल और कृष्ण कुमार बंसल, महासचिव डॉ. जयकिशन गर्ग, महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष सिम्मी जैन, दिल्ली महिला अध्यक्षा गीता गुप्ता और सलाहकार अध्यक्ष मीरा अग्रवाल जैसे अनेक प्रमुख पदाधिकारी मंच पर मौजूद रहे।
महासम्मेलन का सबसे भावनात्मक क्षण तब आया जब ट्रस्ट की ओर से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर “महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन” करने का औपचारिक प्रस्ताव मुख्य अतिथि सांसद प्रवीण खंडेलवाल को सौंपा गया। प्रस्ताव में यह स्पष्ट किया गया कि पुरानी दिल्ली क्षेत्र का विकास, व्यापारिक समृद्धि और सांस्कृतिक विरासत, मुख्य रूप से वैश्य समाज के अथक योगदान का परिणाम है। ऐसे में इस ऐतिहासिक स्टेशन का नाम वैश्य समाज के प्रतीक महाराजा अग्रसेन के नाम पर रखा जाना, पूरे समाज के लिए सम्मान और गर्व का विषय होगा।

सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने इस प्रस्ताव को समाज की भावनाओं का प्रतीक बताते हुए अपना पूर्ण समर्थन दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे यह प्रस्ताव आगामी लोकसभा सत्र में प्रस्तुत करेंगे और केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से शीघ्र मुलाकात कर इसके क्रियान्वयन की दिशा में कदम उठाएंगे।
कार्यक्रम के समापन पर चेयरमैन नंदकिशोर अग्रवाल ने ट्रस्ट के पाँच संकल्पों की प्रतिबद्धता दोहराते हुए स्पष्ट किया कि रेलवे स्टेशन के नामकरण जैसे ऐतिहासिक प्रयासों को अंजाम तक पहुँचाने के लिए ट्रस्ट कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
इस सम्मेलन ने न केवल वैश्य समाज की एकता को सशक्त किया, बल्कि एक नई सामाजिक चेतना और गौरव की भावना का संचार भी किया।