
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर में पटाखों पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। दिल्ली फायर वर्क्स शॉपकीपर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता से मुलाकात कर इस बाबत एक ज्ञापन सौंपा। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि भारतीय संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व है और इन्हें धूमधाम से मनाना हमारी परंपरा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण के नाम पर पटाखों पर लगाया गया प्रतिबंध न सिर्फ पटाखा कारोबारियों पर भारी पड़ा, बल्कि इस व्यवसाय से जुड़े लाखों परिवारों की आजीविका भी संकट में डाल दी। श्री जैन ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के असली कारण निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल, वाहनों से निकलने वाला धुआं और पराली जलाने से पैदा होने वाला धुंआ हैं, लेकिन कार्रवाई का बोझ केवल पटाखा कारोबारियों पर डाला गया।
संजय जैन ने उम्मीद जताई कि भाजपा सरकार के नेतृत्व में दिल्ली के नागरिक दशहरा और दीपावली जैसे पर्व एक बार फिर उसी उत्साह से मना पाएंगे, जैसे पहले मनाते थे। उन्होंने कहा कि रामलीला, दीपावली और वैवाहिक समारोहों में आतिशबाज़ी भारतीय संस्कृति की अनोखी छवि को जीवित रखती है। ऐसे में पटाखों पर से प्रतिबंध हटाकर न सिर्फ परंपराओं को संरक्षित किया जा सकता है, बल्कि लाखों परिवारों के लिए रोजगार का रास्ता भी खुल सकता है।
ज्ञापन सौंपने के दौरान एसोसिएशन के मनीष कौशिक, मनोज जैन, जयकिशन वशिष्ठ, राजेश भारद्वाज, रवि कौशिक और गुरुग्राम से अशोक तनेजा भी मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में मुख्यमंत्री से मांग की कि दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर लगे प्रतिबंध को जल्द हटाया जाए ताकि त्योहारों की रौनक और रोज़गार दोनों कायम रह सकें।