दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेंद्र यादव ने दिल्ली सरकार पर प्रदूषण नियंत्रण में असफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों से राजधानी में खतरनाक प्रदूषण को नियंत्रित करने में सरकार नाकाम साबित हुई है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है, यही कारण है कि अब मुख्यमंत्री आतिशी को खुद ग्रेप-1 लागू करने की घोषणा करनी पड़ी है।
श्री यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर सिर्फ घोषणाएं करती है, लेकिन इन घोषणाओं के क्रियान्वयन में असफल रही है। उन्होंने कहा कि ग्रेप-1 लागू होने के बाद बनाई गईं निरीक्षण टीमों का काम केवल दिखावटी है, क्योंकि हकीकत में प्रदूषण पर कोई ठोस नियंत्रण नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने सरकार पर निर्माण कार्यों में प्रदूषण और गंदगी को रोकने में विफल रहने का भी आरोप लगाया। साथ ही, पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बावजूद भ्रष्टाचार के कारण इसे लागू न कर पाने की आशंका जताई।
श्री यादव ने सवाल उठाया कि क्यों दिल्ली सरकार पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराती है, जबकि पंजाब में पराली जलाने पर आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री केजरीवाल चुप हैं।
दिल्ली की सड़कों की बदहाली और कूड़े के ढेरों से निकलने वाली जहरीली गैस को भी श्री यादव ने प्रदूषण का बड़ा कारण बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम सफाई कर्मचारियों की कमी के कारण कूड़े की समस्या को हल करने में असफल रही है, जो प्रदूषण बढ़ाने में योगदान दे रही है।
अंत में, श्री यादव ने मुख्यमंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय से आग्रह किया कि वे प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए वास्तविक कार्यान्वयन पर ध्यान दें, जिससे दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके।