बरवाला: राष्ट्रीय कवि श्री रामधारी सिंह दिनकर की 116वीं जयंती पर आज शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. दयानंद वत्स भारती ने देश की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। यह कार्यक्रम ऑल इंडिया इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट एंड राइटर एसोसिएशन के मुख्यालय में आयोजित किया गया।
डॉ. वत्स ने कहा कि दिनकर जी भारतीय संस्कृति के सच्चे वाहक थे और राष्ट्रीय चेतना के एक प्रखर कवि थे। उनके काव्य में देशभक्ति, उत्साह, विद्रोह, क्रोध और क्रांति की आवाजें बखूबी बयां की गई हैं, वहीं उन्होंने रोमांटिक भावनाओं को भी बखूबी व्यक्त किया है। उन्होंने दिनकर को एक आधुनिक कवि, श्रेष्ठ लेखक और निबंधकार बताया।
डॉ. वत्स ने आगे कहा कि आज की युवा पीढ़ी को दिनकर की साहित्य से प्रेरणा लेनी होगी, तभी हमारी संस्कृति और राष्ट्रीयता आगे बढ़ेगी। उन्होंने वर्तमान में देश की सीमाओं पर तैनात सैनिकों का भी जिक्र किया और कहा कि वर्तमान स्थिति युद्ध जैसी है। ऐसे में भारत के युवाओं को राजनीति के चुनौती को स्वीकार करना होगा।
उन्होंने कहा, “युवाओं में राष्ट्रीय रक्षा की भावना को जगाना अत्यंत आवश्यक है। दिनकर की ऊर्जा और वीरता से भरी कविताएँ आज भी युवाओं में उत्साह भरने की क्षमता रखती हैं।”
इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में विभिन्न साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रति समर्पित लोगों ने भी भाग लिया और दिनकर की काव्य-प्रतिभा को सराहा।