नई दिल्ली, 5 जनवरी 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (वर्चुअली) दिल्ली के रोहिणी स्थित केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (CARI) के नए भवन की आधारशिला रखी। इस मौके को “आयुर्वेद का अगला बड़ा कदम” बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह परियोजना भारत को वैश्विक स्वास्थ्य और आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक अहम पहल है।
इस अवसर पर केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने कहा, “सरकार की प्राथमिकता यह है कि स्वास्थ्य सेवाएं समाज के सबसे गरीब वर्ग तक पहुंचे। आयुष और आयुर्वेद जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को दुनिया भर में बढ़ावा दिया जा रहा है। पिछले दशक में आयुष प्रणाली का विस्तार 100 से अधिक देशों तक हुआ है।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के पास “विश्व की स्वास्थ्य और कल्याण राजधानी” बनने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, “जिस तरह दुनिया ‘मेक इन इंडिया’ को अपना रही है, उसी तरह जल्द ही ‘हील इन इंडिया’ भी एक वैश्विक मंत्र बनेगा।” प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि विदेशियों के लिए आयुष उपचार को सुगम बनाने हेतु विशेष आयुष वीजा सुविधा शुरू की गई है, जिससे सैकड़ों विदेशी नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं।
श्री प्रतापराव जाधव ने इस परियोजना को “गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं और अनुसंधान” को बढ़ावा देने वाला करार दिया। उन्होंने कहा, “यह सुविधा लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।”
इस मौके पर उत्तर-पश्चिम दिल्ली से सांसद श्री योगेंद्र चांदोलिया ने कहा, “रोहिणी में नए CCRAS-CARI भवन की आधारशिला और नई मेट्रो लाइन का उद्घाटन, दिल्लीवासियों के लिए सरकार की ओर से एक अनमोल तोहफा है। यह आयुर्वेद और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।”
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा, “46 सालों के बाद रोहिणी में केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के लिए यह समर्पित जगह मिलना ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह भवन आयुर्वेदिक अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई दिशा देगा।”
2.92 एकड़ में बनने वाला यह अत्याधुनिक भवन 100 बिस्तरों वाले अनुसंधान अस्पताल के साथ आएगा, जो आयुर्वेदिक शोध और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देगा। इसमें पारंपरिक चिकित्सा, कौशल विकास और विशेष क्लीनिक के जरिए समुदाय को लाभान्वित करने की योजना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्लीवासियों को इस उपलब्धि पर विशेष बधाई दी और कहा, “यह परियोजना न केवल भारत में आयुर्वेद को नई पहचान देगी, बल्कि दुनिया भर में इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगी।”