नई दिल्ली, 27 नवंबर 2024: प्रगति मैदान में आयोजित 43वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (आईआईटीएफ) 2024 में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और आत्मनिर्भरता के प्रतीक खादी इंडिया पैविलियन का आज भव्य समापन हुआ। इस अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने प्रदर्शन में भाग लेने वाले उत्कृष्ट स्टॉल्स और कारीगरों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘2047 तक विकसित भारत,’ ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को केंद्रित करते हुए खादी इंडिया पैविलियन ने 14 से 27 नवंबर तक आयोजित इस प्रदर्शनी में 225 स्टॉल्स के माध्यम से भारत के बेहतरीन हस्तनिर्मित उत्पादों का प्रदर्शन किया।
- उत्पादों की विविधता: बनारसी सिल्क की साड़ियां, पश्मीना शॉल, हर्बल उत्पाद, चमड़े के सामान, हस्तनिर्मित कागज़, मसाले, शहद, और साबुन जैसे उत्पाद आगंतुकों के आकर्षण का केंद्र बने।
- लाईव प्रदर्शन: लाइव स्पिनिंग, वीविंग, इलेक्ट्रिक पॉटरी मेकिंग, और मंदिर के रीसायकल्ड फूलों से बनी अगरबत्तियां जैसी पर्यावरण-अनुकूल इनोवेशन ने दर्शकों को लुभाया।
- कारीगरों की भागीदारी: देश के विभिन्न हिस्सों से आए कारीगरों ने अपने उत्कृष्ट उत्पादों और कौशल का प्रदर्शन किया।
- राज्यीय भागीदारी: उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने अपनी सांस्कृतिक विविधता और पारंपरिक शिल्पकला का प्रदर्शन किया
समापन समारोह में श्री मनोज कुमार ने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई स्टॉल्स और संगठनों को सम्मानित किया।
- बेस्ट सेल्स परफॉर्मेंस:
- पहला स्थान: टीएनआर सिल्क खादी इंडस्ट्रीज, कर्नाटक
- दूसरा स्थान: रानी भास्कर यूनिट्स, पंजाब
- तीसरा स्थान: द्वारकाधीश ड्राय फ्रूट्स, दिल्ली
- बेस्ट डिस्प्ले अवॉर्ड: खादी ग्रामोद्योग भवन, नई दिल्ली
- बेस्ट एंटरप्रेन्योरशिप (महिला): झारखंड की नीव हर्बल, नागपुर की जनजागृति महिला बचत गट, और दिल्ली की आरूही हर्बल।
- 216 खादी एवं ग्रामीण उद्योग संगठनों को उनकी सहभागिता के लिए प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए।
मीडिया को संबोधित करते हुए श्री मनोज कुमार ने बताया कि खादी सेक्टर ने पिछले वित्तीय वर्ष में 1.55 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड टर्नओवर हासिल किया। गांधी जयंती पर मात्र एक दिन में 2 करोड़ रुपये की बिक्री हुई। उन्होंने बताया कि खादी सेक्टर में बुनकरों और कताई करने वालों के भत्ते में वृद्धि जैसे सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं, जो इस क्षेत्र की प्रगति को दर्शाते हैं।
आईआईटीएफ 2024 के खादी इंडिया पैविलियन ने ‘स्थायी विकास’ और ‘आत्मनिर्भरता’ को एक नए स्तर पर ले जाने का प्रयास किया। यह प्रदर्शनी न केवल कारीगरों और स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित करने का मंच बनी, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक सशक्तीकरण का प्रतीक भी साबित हुई।