
नई दिल्ली: भारत में गोल्फ पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एक विशेष नीति पर काम कर रही है। ‘इंटरनेशनल गोल्फ समिट’ में पर्यटन मंत्रालय के अपर सचिव ने इस पहल को रेखांकित करते हुए कहा कि गोल्फ पर्यटक आमतौर पर अधिक खर्च करते हैं, लंबे समय तक रुकते हैं और प्रीमियम श्रेणी में आते हैं। उन्होंने कहा, “हम ऐसे पर्यटकों को आकर्षित करना चाहते हैं जो पर्यावरण पर कम प्रभाव डालें लेकिन अर्थव्यवस्था में अधिक योगदान दें, और गोल्फ टूरिज्म इसी दिशा में मददगार साबित होगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गोल्फ केवल एक खेल नहीं, बल्कि पर्यटन के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है। सरकार अब इस क्षेत्र को व्यवस्थित रूप से विकसित करने के लिए इंटर-मिनिस्ट्रियल टास्क फोर्स गठित करने जा रही है, जिससे न केवल खेल को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन को भी मजबूती मिलेगी।
युवा मामलों और खेल मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने भी इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि गोल्फ के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए सरकार, कॉरपोरेट जगत, नागरिकों और फेडरेशन को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा, “अगर खेल और पर्यटन को एक साथ जोड़ा जाए, तो यह एक प्रभावी और आकर्षक पर्यटन उत्पाद बन सकता है।”
फिक्की की पूर्व अध्यक्ष और द ललित सूरी हॉस्पिटैलिटी ग्रुप की सीएमडी डॉ. ज्योत्सना सूरी ने गोल्फ को सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि वैश्विक नेटवर्किंग, आर्थिक समृद्धि और उच्च मूल्य वाले पर्यटन का माध्यम बताया। वहीं, फिक्की स्पोर्ट्स कमेटी के अध्यक्ष पीकेएसवी सागर ने कहा कि देश में यह धारणा बदलने की जरूरत है कि गोल्फ सिर्फ अभिजात्य वर्ग का खेल है। उन्होंने कहा, “अगर इसे अधिक समावेशी और सुलभ बनाया जाए, तो भारत में युवा पीढ़ी को भी गोल्फ से जोड़ा जा सकता है।”
इस सत्र का संचालन फिक्की गोल्फ टास्क फोर्स के चेयरमैन राजन सहगल ने किया, जहां भारत को एक प्रमुख गोल्फ डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने की संभावनाओं पर गहन चर्चा हुई।