भारत के नए मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में जस्टिस संजीव खन्ना की नियुक्ति की घोषणा हो चुकी है, जो 11 नवंबर 2024 से इस पद का कार्यभार संभालेंगे। राष्ट्रपति ने संविधान के तहत उन्हें इस पद के लिए नियुक्त किया, जिसमें मौजूदा CJI डी. वाई. चंद्रचूड़ की सलाह ली गई थी। जस्टिस खन्ना के कार्यकाल के दौरान, उनका फोकस न्यायिक सुधार और पारदर्शिता को और मजबूत करने पर होगा।
जस्टिस खन्ना का न्यायिक सफर कई बड़े और संवेदनशील मामलों के साथ जुड़ा रहा है। उन्होंने दिल्ली की नई शराब नीति और ईवीएम-वीवीपैट की पारदर्शिता जैसे मामलों में अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा, वह संविधान पीठ का हिस्सा रहे, जिसने अनुच्छेद 370 और चुनावी बांड जैसे प्रमुख मुद्दों पर फैसले दिए। न्याय के क्षेत्र में उनके योगदान में उनके चाचा, एच. आर. खन्ना का प्रभाव भी देखा जा सकता है, जो 1973 के केसवानंद भारती मामले में ‘मूल ढांचे का सिद्धांत’ प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।
जस्टिस खन्ना की शिक्षा दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज और लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से हुई है। 2005 में दिल्ली हाई कोर्ट में जज के रूप में नियुक्ति से लेकर 2019 में सुप्रीम कोर्ट में उनके शामिल होने तक, उनका कानूनी अनुभव व्यापक और विविध रहा है।