नई दिल्ली, 6 दिसंबर 2024:
दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर के 68वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम और संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बाबा साहेब के सामाजिक और राष्ट्रीय योगदान पर विस्तार से चर्चा की गई।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माता थे। उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और सामाजिक समरसता के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में अंबेडकर के कार्यों और लेखन पर शोध केंद्र स्थापित किए जाएं और उन्हें पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर के.पी. सिंह ने बाबा साहेब को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताते हुए उनके विचारों को अपनाने पर जोर दिया। कार्यक्रम में छात्रों, शोधार्थियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। अंत में डॉ. अंबेडकर पर आधारित गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम का समापन किया गया।