मुंबई (अनिल बेदाग) : पेनाइल आर्टरी एंजियोप्लास्टी एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसका उपयोग पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज करने के लिए किया जाता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन तब होता है जब लिंग में रक्त प्रवाह पर्याप्त नहीं होता है, जिससे इरेक्शन बनाए रखने में कठिनाई होती है। पेनाइल आर्टरी एंजियोप्लास्टी के माध्यम से संकीर्ण या अवरुद्ध धमनियों को खोलने और रक्त प्रवाह को बहाल करने का प्रयास किया जाता है। मुंबई के जेजे अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर शिवराज इंगोले का कहना है कि यह प्रक्रिया विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए उपयुक्त है जिनमें इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण पेनाइल धमनियों का अवरोध है। धमनियों में रुकावट के कारण लिंग में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे इरेक्शन होना कठिन हो जाता है।एंजियोप्लास्टी का उद्देश्य उन धमनियों को फिर से खोलना और लिंग में रक्त के प्रवाह को सामान्य बनाना है।
प्रक्रिया कैसे की जाती है? इस सवाल के जवाब में डॉक्टर इंगोले कहते हैं कि पहले, मरीज की शारीरिक जांच की जाती है और संबंधित रक्त वाहिकाओं की स्थिति जानने के लिए एंजियोग्राफी या अल्ट्रासाउंड जैसे परीक्षण किए जाते हैं। प्रक्रिया के दौरान, एक पतली नली (कैथेटर) को रक्त वाहिका में डाला जाता है, जो उस क्षेत्र तक पहुँचती है जहाँ धमनी संकरी हो गई है। कैथेटर के सिरे पर एक छोटा गुब्बारा होता है, जिसे फुलाकर संकुचित धमनी को फैलाया जाता है। इससे धमनी में रक्त प्रवाह बेहतर हो जाता है।
कुछ मामलों में, धमनी को खुला रखने के लिए स्टेंट (एक धातु की जाली) डाली जाती है ताकि रक्त प्रवाह ठीक से चलता रहे। इस प्रक्रिया के बाद पेनाइल धमनियों में रक्त प्रवाह सुधरता है, जिससे इरेक्शन में सुधार हो सकता है। यह प्रक्रिया अपेक्षाकृत कम आक्रामक होती है और इसमें सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती।
मरीज आमतौर पर इस प्रक्रिया के बाद जल्द ही अपनी दैनिक गतिविधियों में लौट सकता है।
पेनाइल आर्टरी एंजियोप्लास्टी इरेक्टाइल डिसफंक्शन के उपचार के लिए एक उभरती हुई तकनीक है। यह उन पुरुषों के लिए फायदेमंद हो सकती है, जिनके इरेक्टाइल डिसफंक्शन का मुख्य कारण पेनाइल धमनियों में अवरोध है। हालांकि, इस प्रक्रिया से पहले डॉक्टर की सलाह और विस्तृत चिकित्सा जांच जरूरी होती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह उपचार आपके लिए उपयुक्त है या नहीं।