नई दिल्ली: इस्कॉन मंदिर, रोहिणी में मोक्षदा एकादशी के अवसर पर आदिशंकराचार्य जनसेवा ट्रस्ट द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता जयंती का भव्य आयोजन किया गया। सैकड़ों धर्मप्रेमियों ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग लेकर भगवद्गीता के विभिन्न आयामों पर विद्वान वक्ताओं के विचार सुने।
कार्यक्रम में आर्य समाज के वरिष्ठ प्रचारक आर्य तपस्वी जी महाराज ने भगवद्गीता को आत्मा और परमात्मा को जोड़ने वाला मार्ग बताया। प्रसिद्ध जैन संत विवेक मुनि जी ने युवाओं को अर्जुन की तरह प्रेरित होकर अपने जीवन की चुनौतियों का सामना करने की आवश्यकता पर बल दिया। भारतीय बौद्ध महासंघ के अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल ने बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों की निंदा करते हुए धर्मविरोधी शक्तियों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।
मुख्य वक्ता मुकेश खांडेकर ने गीता को “पढ़ने नहीं, धारण करने” का ग्रंथ बताया। इस्कॉन रोहिणी के अध्यक्ष केशव मुरारी प्रभु ने बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं के अपमान की कड़ी निंदा करते हुए भारत सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की।
समारोह का संचालन कृष्णानंद ने गीता के श्लोकों और उनके भावार्थ से किया। दक्षिण भारत की 12 बहनों ने भगवद्गीता के 15वें अध्याय के श्लोकों का सामूहिक पाठ कर उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में, ट्रस्ट अध्यक्ष दीपक गुप्ता ने सभी को भगवद्गीता को जीवन में अपनाने का संकल्प दिलाया और निशुल्क गीता वितरण किया।
कार्यक्रम के आयोजन में वासुदेव बंसल, विनोद सिंघल, दीपक अग्रवाल सहित अन्य सदस्यों की अहम भूमिका रही।