जींद: हरियाणा में चल रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने समाज के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक दलों की तर्ज पर विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है।
समाज के रोहतक विधानसभा क्षेत्र के लिए सुभाष टायल, अंबाला के लिए पवन अग्रवाल, सिरसा के लिए नवीन केडिया, असंध के लिए पदम गुप्ता, पानीपत के लिए अमरनाथ गुप्ता, रोहतक के लिए अंकुश जैन, पिल्लूखेड़ा के लिए प्रशांत सिंगला, धनौरा के लिए प्रमोद गर्ग, चरखी दादरी के लिए सुरेश ऐरन, शाहबाद के लिए प्रदीप गुप्ता और हिसार के लिए हनुमान ऐरन को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
गुरुग्राम विधानसभा सीट के लिए मुकेश बंसल (भिवानी), अभय जैन (गुरुग्राम), अशोक जैन (फिरोजपुर झिरका), विजय गुप्ता (सोहना), सुरेंद्र गर्ग (पानीपत), पंकज केसरा (भिवानी), वरुण सिंगला (भिवानी), अक्षत केसरा (सिरसा) और शुभम गोयल (चरखी दादरी) को पर्यवेक्षक बनाया गया है।
इसी प्रकार, भिवानी विधानसभा सीट के लिए बलराम गुप्ता (चरखी दादरी) और रवि गर्ग (बधवानी) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। विजय गर्ग (शाहबाद) और राजेश सिंगला (कुरुक्षेत्र) को लाडवा विधानसभा सीट के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। करनाल सीट के लिए सुमित हिंदुस्तानी (कुरुक्षेत्र) और सुमित सिंघल (फतेहाबाद) को पर्यवेक्षक बनाया गया है।
सुरेश सर्राफ को वैश्य समाज के लोगों को एकजुट करने और समाज के उम्मीदवारों के लिए काम करने का जिम्मा दिया गया है। रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र में संदीप नूनीवाला (नारनौल), तीरथ राज गर्ग (सफीदों) और रवि गर्ग (नारनौल) पर्यवेक्षक होंगे। वहीं, राजेश सिंगला (कुरुक्षेत्र) और सत्य प्रकाश (समालखा) को पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
सिरसा विधानसभा क्षेत्र में सनी बंसल (सिरसा), राजेंद्र मित्तल और कपिल सिंगला (रतिया), शुभम लोहिया (गोहाना), ललित मित्तल (भिवानी) और पुनीत बंसल (फतेहाबाद) को पर्यवेक्षक बनाया गया है।
कुरुक्षेत्र के लिए प्रदीप सिंगला, कैथल के लिए हिमांशु गोयल और वेद प्रकाश गर्ग, और अंबाला विधानसभा क्षेत्र के लिए तरुण अग्रवाल व धीरज गोयल को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
गौरतलब है कि हरियाणा की करीब दर्जनभर विधानसभा सीटों पर वैश्य समाज के उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। समाज द्वारा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए पहले भी पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाती रही है। इसका उद्देश्य यह है कि जिन लोगों को पर्यवेक्षक के रूप में भेजा जाता है, वे पहले से ही उन विधानसभा क्षेत्रों में संपर्क रखते हैं, जिससे समाज के उम्मीदवारों के पक्ष में समर्थन बढ़ाया जा सके।