दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री अरबिंदो कॉलेज में शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा। कॉलेज को 11 साल के लंबे इंतजार के बाद स्थायी प्रिंसिपल के रूप में प्रोफेसर अरुण चौधरी मिले। गणित विभाग के प्रोफेसर रहे अरुण चौधरी ने कॉलेज के प्रिंसिपल का कार्यभार संभालते ही छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के हितों को प्राथमिकता देने का वादा किया।
इस अवसर पर कॉलेज प्रबंधन समिति की चेयरपर्सन प्रो. रूपम कपूर और पूर्व प्रिंसिपल प्रो. विपिन अग्रवाल ने प्रोफेसर चौधरी का स्वागत करते हुए कॉलेज की प्रगति में नए अध्याय की उम्मीद जताई। दिनभर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा, जिसमें फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन सहित कई शिक्षाविद शामिल रहे।
डॉ. हंसराज सुमन ने गैर-शैक्षिक कर्मचारियों को जल्द स्थायी करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि कॉलेज में 50% कर्मचारी अस्थायी हैं, जिन्हें स्थायी बनाने की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए। यह भी बताया गया कि लंबे समय से कार्यरत कर्मचारी उम्र सीमा पार कर चुके हैं, इसलिए इन्हें प्राथमिकता देकर स्थायी किया जाना चाहिए।
प्रो. अरुण चौधरी ने कहा कि कॉलेज की नई बिल्डिंग बनवाना उनकी प्राथमिकता में है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम लाने और वंचित छात्रों की मदद का भी संकल्प लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रिंसिपल होने के बावजूद वे शिक्षक के रूप में कक्षाएं लेंगे और छात्रों की पढ़ाई में किसी तरह की बाधा नहीं आने देंगे।
यह नियुक्ति न केवल कॉलेज के लिए एक नई शुरुआत है, बल्कि शिक्षकों और कर्मचारियों के भविष्य के लिए भी उम्मीद की किरण लेकर आई है।