दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के इंटर स्टेट सेल (ISC) ने मोबाइल टावर के महत्वपूर्ण उपकरणों (RRUs) की चोरी के कई मामलों को सुलझाते हुए मुख्य आरोपी शाहजाद मलिक को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने गिरफ्तारी के बाद ओडिशा पुलिस की हिरासत से 15 अक्टूबर को डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली से भागने का प्रयास किया, लेकिन ISC की टीम ने बेहतरीन तकनीकी जांच और त्वरित कार्रवाई से उसे 24 घंटे के अंदर फिर से धर दबोचा।
टीम ने 06 अक्टूबर 2024 को शाहजाद मलिक को दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाके से एक ई-रिक्शा में चोरी किए गए मोबाइल टावर उपकरणों (RRUs) के साथ गिरफ्तार किया था। ये चोरी के उपकरण ओडिशा के पांच अलग-अलग मामलों से जुड़े हुए पाए गए। शाहजाद मलिक का नाम कई राज्यों में मोबाइल टावर से उपकरणों की चोरी के मामलों में आया है, और उसे एक संगठित चोरी गिरोह से जुड़ा माना जा रहा है।
15 अक्टूबर को ओडिशा पुलिस ने शाहजाद मलिक को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर लिया था। पुलिस जब उसे मेडिकल जांच के लिए RML अस्पताल ले गई, तो उसने मौके का फायदा उठाते हुए फरार होने का प्रयास किया। उसकी फरारी के बाद ISC की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शाहजाद मलिक को मुजफ्फरनगर और बिजनौर के संभावित ठिकानों पर सघन तलाशी अभियान चलाया, जिसके दबाव में वह फिर से दिल्ली भागने की कोशिश में पकड़ा गया।
शाहजाद मलिक की गिरफ्तारी से ओडिशा में मोबाइल टावर चोरी के पांच मामलों का खुलासा हुआ है। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने मोबाइल टावर चोरी के एक बड़े गिरोह के पर्दाफाश की संभावनाएं बढ़ा दी हैं, जिसमें आरोपी के साथी अब भी फरार हैं।
शाहजाद मलिक, दिल्ली के न्यू करदमपुरी इलाके का निवासी है, और उसकी शिक्षा 8वीं कक्षा तक हुई है। उसके परिवार के सदस्य कबाड़ के धंधे से जुड़े हैं। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह अपने रिश्तेदार समीर के साथ चोरी के उपकरणों को ओडिशा से दिल्ली लाता था।