आज, 12 नवंबर 2024, महाराष्ट्र के गोंदिया में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए, लोकसभा में विपक्ष के नेता श्री राहुल गांधी ने देश और समाज में प्यार, समानता और संविधान की अहमियत पर जोर दिया।
राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सोच एक ऐसी दुकान खोलने की है, जिसमें नफरत के बाजार के बीच प्रेम और भाईचारे की बिक्री हो। उन्होंने कहा कि “नफरत से नफरत को नहीं मिटाया जा सकता, केवल प्रेम ही इसे समाप्त कर सकता है।” इस सोच को गांधी, अंबेडकर और महाराष्ट्र के संतों की सोच बताया, जो जनता के दिलों में गहराई से रची-बसी है।
राहुल गांधी ने मंच से भारत के संविधान की प्रति उठाते हुए सवाल किया कि क्या हमारे देश के संविधान में कहीं लिखा है कि गरीबों को दबाया जाए या किसानों को उनके मेहनत का सही मूल्य न मिले? उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि “संविधान को पढ़े बिना ही उनकी सरकार लगातार इसे कमजोर कर रही है, चाहे वह महाराष्ट्र में सरकार गिराना हो या सरकारी पदों पर अपने लोगों को बिठाना।”
राहुल गांधी ने अपने भाषण में ओबीसी, दलित और आदिवासी वर्गों की सीमित भागीदारी की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि “भारत की 90% जनता इन वर्गों से है, फिर भी देश के बड़े पदों पर उनका प्रतिनिधित्व नाममात्र है।” उन्होंने कांग्रेस की पहली प्राथमिकता को जातिगत जनगणना करवाना बताया ताकि हर व्यक्ति अपने हक और हिस्सेदारी के बारे में जान सके।
महिलाओं को 3,000 रुपये की महालक्ष्मी योजना और किसानों का तीन लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का वादा करते हुए उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार किसान, मजदूर और छोटे व्यापारियों के हक की लड़ाई में मजबूती से खड़ी रहेगी।
राहुल गांधी ने जनसभा में घोषणा की कि “हर गरीब परिवार को 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा ताकि निजी अस्पतालों की महंगी सेवाएं उनके लिए सुलभ हो सकें।” साथ ही, उन्होंने रोजगार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि “देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सिर्फ छोटे और मध्यम व्यापारियों से आ सकते हैं, जिनकी रीढ़ को गलत जीएसटी और नोटबंदी ने तोड़ दिया।”
भ्रष्टाचार और विशेषाधिकार का विरोध:
राहुल गांधी ने बताया कि “अडानी और अंबानी जैसे कुछ बड़े उद्योगपतियों के पास देश की संपत्ति जमा हो गई है, जबकि देश के गरीब किसान और मजदूर संकट में हैं।” उन्होंने जनता से अपील की कि इस असमानता को खत्म करने के लिए संविधान में निहित समानता के अधिकार को हर जगह लागू किया जाना चाहिए।
राहुल गांधी के इस भाषण में प्यार, समानता, और भारतीय संविधान की अहमियत का संदेश गूंजा, और उन्होंने देश के भविष्य को सभी वर्गों के हक के साथ संवेदनशीलता और भाईचारे की भावना में जोड़ने का वादा किया।