संगम नगरी प्रयागराज में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सबसे बड़े बायो-सीएनजी प्लांट के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। यह प्लांट एवरएनविरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रयागराज नगर निगम के सहयोग से नैनी में स्थापित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने परियोजना की प्रगति पर संतोष जताया और अधिकारियों को इसे जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए।
यह प्लांट 12.5 एकड़ क्षेत्र में फैला है और प्रतिदिन 21.5 मीट्रिक टन बायो-सीएनजी, 200 मीट्रिक टन जैविक खाद और 30 मीट्रिक टन ब्रिकेट्स का उत्पादन करेगा। इसके माध्यम से न केवल प्रयागराज की कचरा प्रबंधन की समस्या का समाधान होगा, बल्कि हरित ऊर्जा और सर्कुलर अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
एवरएनविरो के एमडी और सीईओ महेश गिरधर ने बताया कि यह परियोजना वेस्ट-टू-वेल्थ मिशन के तहत नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्लांट से हर साल 56,700 टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
परियोजना के दो चरणों में पूरा होने की योजना है। पहले चरण में प्रतिदिन 8.9 टन बायो-सीएनजी का उत्पादन होगा, जबकि दूसरे चरण में इसकी क्षमता बढ़ाकर 13.2 टन प्रतिदिन की जाएगी।
प्रयागराज नगर निगम के म्यूनिसिपल कमिश्नर चंद्र मोहन गर्ग ने बताया कि यह प्लांट घरों, होटलों और मंदिरों से निकलने वाले कचरे को ऊर्जा और जैविक खाद में बदलने का काम करेगा। यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगा, बल्कि लगभग 200 नौकरियां भी उत्पन्न करेगा।
चीफ प्रोजेक्ट्स एंड ऑपरेशंस ऑफिसर के.ए. चौधरी ने कहा कि यह प्लांट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन, कृषि उत्पादकता में वृद्धि और हरित नौकरियों के सृजन के साथ उत्तर प्रदेश के सतत विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
यह परियोजना प्रयागराज के लिए एक बड़ा कदम है, जो न केवल कचरा प्रबंधन की चुनौती को हल करेगी, बल्कि शहर को एक हरित और स्वच्छ भविष्य की ओर ले जाएगी।