नई दिल्ली – नीति आयोग के सदस्य डॉ. अरविंद विरमानी ने “विकसित भारत का एक दृष्टिकोण” पर एक महत्वपूर्ण चर्चा में 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का खाका प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन और सामाजिक समानता पर विशेष ध्यान देते हुए देश को उच्च आय वाले राष्ट्रों की श्रेणी में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. विरमानी ने भारत की आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और प्रति व्यक्ति GDP वृद्धि के मामले में भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है। उनके अनुसार, इस दशक में भारत की प्रति व्यक्ति GDP वृद्धि औसतन 6.2% रहने का अनुमान है, जो अगले दशक में घटकर 5.7% हो सकती है। यह विकास दर भारत को 2030 तक चीन और मलेशिया जैसे उच्च मध्यम आय वाले देशों और 2050 तक अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे उच्च आय वाले देशों के बराबर ला सकती है।
उन्होंने कहा कि भारत का जनसांख्यिकीय लाभ, जिसमें कामकाजी उम्र की आबादी का बड़ा हिस्सा शामिल है, देश के भविष्य के विकास की नींव बनेगा। इस दौरान उन्होंने शिक्षा और नौकरी के कौशल को मजबूती देने पर भी बल दिया ताकि रोजगार के अवसरों में वृद्धि कर गरीबी को घटाया जा सके और आय वितरण में संतुलन लाया जा सके।
डॉ. विरमानी ने चीन पर निर्भरता को कम करने और एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जो भारत को एक अधिक लचीली अर्थव्यवस्था की ओर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की प्रमुख पहलों जैसे नई शिक्षा नीति, निपुण भारत, और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उद्देश्य देश के नागरिकों को भविष्य के लिए तैयार करना है।
अंत में, डॉ. विरमानी ने विश्वास जताया कि भारत, यदि इस दिशा में सुधारों को मजबूत बनाए रखता है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाता है, तो 2047 तक स्वतंत्रता की शताब्दी में वह एक विकसित राष्ट्र के रूप में अपनी जगह पक्की कर सकता है।