10 अक्टूबर 2024 को एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) शाहदरा ने दिल्ली में अवैध रूप से डोडा पोज़ (पॉप्पी स्ट्रॉ) की तस्करी के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। इस जानकारी के आधार पर, चौधरी चरण सिंह मार्ग, गाज़ीपुर से सीमापुरी रेलवे ब्रिज, आनंद विहार तक डोडा पोज़ के अवैध परिवहन के खिलाफ एक विशेष छापेमारी टीम का गठन किया गया।
इस छापेमारी का नेतृत्व इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह ने किया, जबकि एसीपी (ऑपरेशंस) गुरु देव सिंह और डीसीपी (शाहदरा) ने इस अभियान की उच्च स्तरीय निगरानी की। छापेमारी टीम में एसआई देशपाल महालिया, एसआई इस्माइल, एएसआई लोकेन्द्र सिंह, एएसआई सतीश कुमार, एएसआई हिटलर, एचसी संजीव, एचसी वेदपाल, एचसी विनय कुमार, Ct मुणेश, W/HC प्रीति शर्मा और DHC दिनेश कुमार शामिल थे।
टीम ने छापेमारी के लिए गाज़ीपुर से सीमापुरी रेलवे ब्रिज के निकट एक जाल बिछाया। रात लगभग 9:30 बजे, एक महेन्द्र बोलरो गाड़ी (रजिस्ट्रेशन नंबर – UP 38 AD 1575) को गाज़ीपुर की ओर से आते देखा गया। सूचना के आधार पर, यह गाड़ी डोडा पोज़ की आपूर्ति में शामिल थी। एंटी-नारकोटिक्स टीम ने तुरंत कार को रोककर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसे भवनेश कश्यप (उम्र 22 वर्ष) के रूप में पहचाना गया, जो मोहल्ला नज्ह्याई, कस्बा उज्हानी, जिला बुदाउन, उत्तर प्रदेश का निवासी है।
गाड़ी की गहन जांच के दौरान, 23.660 किलोग्राम डोडा पोज़ बरामद किया गया। इस मामले में FIR संख्या 487/24 दर्ज की गई है, जो NDPS अधिनियम की धारा 15 के तहत आनंद विहार पुलिस स्टेशन में की गई है। इस मामले की जांच जारी है, ताकि अन्य आपूर्तिकर्ताओं की पहचान की जा सके और डोडा पोज़ के स्रोत का पता लगाया जा सके।
पूछताछ के दौरान, आरोपी भवनेश कश्यप ने बताया कि बुरी संगत में पड़ने के कारण और अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए उसने अवैध डोडा पोज़ की आपूर्ति में शामिल होने का निर्णय लिया। उसने दिल्ली NCR और पंजाब में डोडा पोज़ की आपूर्ति शुरू की। भवनेश ने बताया कि उसने यह डोडा पोज़ एक व्यक्ति, राकेश (लौकी नंगला, जिला बुदाउन, यूपी) से खरीदी थी और वह इसे सिंघू बॉर्डर और चंडीगढ़ में पहुंचाने जा रहा था।
बातचीत के दौरान यह भी पता चला कि जब्त की गई गाड़ी के मालिक का नाम खेमा पाल है, जो कि भवनेश का मामा है।
इस कार्रवाई ने दिल्ली में नशे की तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को एक नई दिशा दी है। पुलिस अब अन्य सहयोगियों की पहचान करने और इस अवैध नेटवर्क के पीछे के तत्वों का पता लगाने के लिए काम कर रही है।