कुख्यात गैंग के दो शूटर गिरफ्तार, बड़ी फिरौती और डकैती की साजिश नाकाम
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए कुख्यात गैंग के दो शातिर शूटरों को गिरफ्तार किया है। ये अपराधी दिल्ली और एनसीआर में फिरौती, डकैती और फायरिंग की कई वारदातों में शामिल थे। उनके पास से दो अत्याधुनिक पिस्तौल और छह जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई से न सिर्फ पीड़ितों पर फायरिंग की योजना नाकाम हुई, बल्कि गैंग के बड़े फिरौती प्लान पर भी पानी फिर गया।
क्राइम ब्रांच की एजीएस टीम ने 18 सितंबर 2024 को खास सूचना के आधार पर इन शातिर अपराधियों को द्वारका के सेक्टर-14 इलाके से गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया। उनके पास से एक चोरी की गई पल्सर बाइक भी बरामद हुई, जिसका इस्तेमाल अपराधों को अंजाम देने में किया गया था।
गिरफ्तार शूटरों की पहचान नितेश उर्फ विनय (23) और गौरव उर्फ नीरज (23) के रूप में हुई है। ये दोनों कुख्यात गैंगस्टर अजय जेलदार के निर्देश पर काम कर रहे थे और दिल्ली के कई बड़े कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों से 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांग रहे थे। पैसे नहीं देने पर इन शूटरों ने बमनौली इलाके में एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के ऑफिस पर फायरिंग की थी और वहां एक धमकी भरा पत्र भी छोड़ा था।
नितेश और गौरव ने गैंगस्टर अजय जेलदार के निर्देश पर कारोबारियों के ऑफिस की रेकी की और उन्हें धमकी दी कि अगर 2 करोड़ रुपये की फिरौती नहीं दी गई, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसी साजिश के तहत इन्होंने 16 सितंबर 2024 को बमनौली इलाके में कंटिनेंट लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस पर फायरिंग की थी। घटना के बाद अपराधियों ने फरार होते वक्त हवाई फायरिंग भी की, जिससे इलाके में दहशत फैल गई।
क्राइम ब्रांच की एजीएस टीम कई महीनों से इस गैंग पर नजर रख रही थी। टीम ने मुखबिरों की मदद से इनकी गतिविधियों की लगातार निगरानी की और आखिरकार 18 सितंबर को इन्हें दबोच लिया। इस ऑपरेशन का नेतृत्व इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार ने किया, जिनकी टीम में एसआई सचिन गुलिया, मुकेश, ब्रिज लाल, एएसआई नरेंद्र, हेड कांस्टेबल श्याम सुंदर समेत कई अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।
दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई से इलाके में शांति और सुरक्षा को लेकर लोगों में विश्वास बढ़ा है। पुलिस अब इस गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश कर रही है।