डीएस डोसा फैक्ट्री लिमिटेड ने अपने आठवें स्थापना दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में राजनीति, प्रशासन और फ़िल्म जगत की कई जानी-मानी हस्तियों ने भाग लिया। डीएस डोसा फैक्ट्री के संस्थापक श्री संजय भारद्वाज ने सभी गणमान्य अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया और एक कविता पाठ के माध्यम से धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला।
“व्यंजनों की महिमा है निराली, व्यंजनों की महक है प्यारी,
व्यंजनों की विविधता है निराली, व्यंजनों की छवि है प्यारी।”
इस कविता के माध्यम से उन्होंने डीएस डोसा फैक्ट्री के विशेष व्यंजनों की महत्ता को दर्शाया।
2016 में स्थापित डीएस डोसा फैक्ट्री लिमिटेड दक्षिण भारतीय व्यंजनों की एक प्रमुख श्रृंखला है। इसकी शुरुआत दिल्ली-एनसीआर के व्यस्त वैशाली क्षेत्र में हुई थी। अपने बेहतरीन व्यंजनों और उत्कृष्ट सेवा के कारण यह रेस्तरां लोगों के बीच लोकप्रिय हो गया। इसके मेन्यू में दक्षिण भारतीय व्यंजनों के साथ नॉर्थ इंडियन और चाइनीज़ व्यंजन भी शामिल हैं।
आठ सालों के सफर में डीएस डोसा फैक्ट्री ने 13 आउटलेट्स की श्रृंखला खड़ी कर ली है। इस दौरान कोविड महामारी जैसी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन नियमित ग्राहकों और शुभचिंतकों के सहयोग से कंपनी इस मुश्किल दौर से उबरने में सफल रही।
वर्तमान में, डीएस डोसा फैक्ट्री के आउटलेट्स दिल्ली के कनॉट प्लेस, अशोक विहार, झिलमिल कॉलोनी और गाजियाबाद के राजेंद्र नगर सहित उत्तराखंड, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और असम जैसे राज्यों में फैले हुए हैं। जल्द ही पुणे और नोएडा में भी दो नए आउटलेट्स की शुरुआत की जाएगी।
डीएस डोसा फैक्ट्री का लक्ष्य अब टियर 1 और टियर 2 शहरों में अपनी उपस्थिति बढ़ाना है। कंपनी ने फूड कोर्ट सेगमेंट में भी अपनी अलग पहचान बनाई है, और भविष्य में भारत के विभिन्न हिस्सों में दक्षिण भारतीय भोजन के असली स्वाद को पहुंचाने का संकल्प लिया है।
“हमारा लक्ष्य है कि हर भारतीय को उच्च कोटि के दक्षिण भारतीय व्यंजन उपलब्ध कराए जाएं,” संजय भारद्वाज ने कहा।