प्रयागराज में आगामी महाकुंभ मेले के लिए विभिन्न अखाड़ों को जमीन आवंटन पर चर्चा हेतु बृहस्पतिवार को आयोजित बैठक में तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया। अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधियों के बीच तीखी बहस के बाद हाथापाई तक की नौबत आ गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मेला प्रशासन के अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। बाद में कुछ संत मेला क्षेत्र में जमीन देखने के लिए रवाना हो गए।
इसके साथ ही महाकुंभ मेले में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि की अगुवाई में दलित समाज के सन्यासियों का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर, महंत और थानापति जैसे प्रतिष्ठित पद प्रदान किए जाएंगे। स्वामी महेंद्रानंद गिरि, जो स्वयं दलित समाज से आते हैं और जूनागढ़ के पीठाधीश्वर हैं, ने बताया कि अब तक 907 लोगों को उन्होंने संन्यास दीक्षा दी है, जिनमें से 370 संन्यासी दलित समाज से हैं।
महाकुंभ मेले में दलित समाज से आने वाले कई सन्यासियों का पट्टाभिषेक कर उन्हें सनातन धर्म की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। स्वामी महेंद्रानंद गिरि के अनुसार, सनातन धर्म से वंचित लोगों को जोड़ने का कार्य जारी है और उन्हें सनातन धर्म की शुचिता और आचार-व्यवहार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे भटके हुए लोगों को धर्म की ओर वापस ला सकें। चार माह पहले प्रयागराज के यमुना तट स्थित मौजगिरि आश्रम में दलित संत कैलाशानंद को महामंडलेश्वर बनाया गया था। अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत हरि गिरि के नेतृत्व में दलितों को सनातन धर्म से जोड़ने का कार्य महेंद्रानंद गिरि को सौंपा गया है।
महाकुंभ मेले में दलित समाज के सन्यासियों के पट्टाभिषेक से धार्मिक समरसता को और अधिक बल मिलने की उम्मीद है।