नई दिल्ली: प्रगति और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक पहला बोडोलैंड महोत्सव 17 नवंबर को दिल्ली में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 नवंबर को उद्घाटन किए गए इस दो दिवसीय महोत्सव ने बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) की समृद्ध संस्कृति, हथकरघा, पर्यटन और भाषा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया।
महोत्सव में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” और “जनजातीय गौरव दिवस” जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने चर्चाएं कीं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बोडो भाषा के संरक्षण को शिक्षा में बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
हथकरघा स्टॉलों ने बोडो गमोसा, दोखोना, अरोनई जैसे पारंपरिक वस्त्रों और ज़ोउ गिशी जैसे जीआई टैग वाले उत्पादों को प्रदर्शित किया। संगीत वाद्ययंत्र “सिफंग”, जो बोडो संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, भी प्रमुख आकर्षण रहा।
महोत्सव का दूसरा दिन बोडो शहीदों को श्रद्धांजलि और सांस्कृतिक रैली के साथ आरंभ हुआ। शाम को आयोजित भव्य सांस्कृतिक संध्या में लोकसभा सांसद दिलीप सैकिया और केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने भाग लिया। प्रसिद्ध गायक पापन की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बोडोलैंड महोत्सव ने दिल्ली में बोडो समुदाय की अनमोल विरासत को एक नई पहचान दी और आने वाले वर्षों में इसे और बड़े स्तर पर आयोजित करने की उम्मीद जगाई।