नई दिल्ली: भारत मंडपम में आयोजित सरस आजीविका मेला 2024 के तहत आज स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में देशभर के 31 राज्यों से आईं करीब 50 महिलाओं ने भाग लिया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को ग्राहकों के साथ संवाद कौशल, उत्पाद की विशेषताएं प्रस्तुत करने और बाजार की प्रतिस्पर्धा समझने का प्रशिक्षण देना था।
कार्यशाला की मुख्य वक्ता आईआईएमसी की प्रोफेसर संगीता प्रणवेंद्र ने बताया कि किस तरह विनम्रता और धैर्य के साथ अपने उत्पादों की कीमत और गुणवत्ता समझाई जाए। साथ ही, स्टॉल पर आए ग्राहकों के मनोविज्ञान को पढ़ने और उन्हें अपने उत्पादों का आदी बनाने के टिप्स भी दिए।
इस कार्यक्रम का आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय और एनआईआरडीपीआर द्वारा किया गया। इस दौरान रुचिरा भट्टाचार्य, चिरंजी लाल कटारिया और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। प्रतिभागियों ने कार्यशाला को बेहद उपयोगी बताया।
गौरतलब है कि 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस मेले में 31 राज्यों की 300 से अधिक महिला शिल्पकार 150 से ज्यादा स्टॉलों पर अपने उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री कर रही हैं। मेला हॉल नंबर 9 और 10 में आयोजित किया गया है, जहां हस्तशिल्प, कला और स्थानीय उत्पादों का शानदार संग्रह देखने को मिल रहा है।