दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम का बड़ा खुलासा करते हुए पांच और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह गैंग अब तक देशभर में 47 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर चुका था। जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपियों का नेटवर्क चीन से संचालित हो रहा था। गिरोह का मास्टरमाइंड चीन में बैठा “टॉम” नामक शख्स बताया जा रहा है, जो डिजिटल ठगी के जरिए भारत में बड़ी रकम ट्रांसफर करा रहा था।
पुलिस ने खुलासा किया कि इस रैकेट में अब तक कुल आठ आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इस धोखाधड़ी में पकड़े गए पांच नए आरोपियों के नाम मंजवी दोचक, मनीष मेहरा, मनजीत सिंह, सोंबीर और अतुल शर्मा हैं। इन सभी की गिरफ्तारी दक्षिण-पूर्व जिले में दर्ज ई-एफआईआर के आधार पर की गई, जिसमें एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को शेयर मार्केट निवेश का लालच देकर करीब 47 लाख रुपये ठग लिए गए थे।
शिकायतकर्ता को स्टॉक ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का भरोसा देकर “खरीद आज-बिक्री कल” जैसे झूठे दावे किए गए। उन्हें फर्जी Telegram ग्रुप में जोड़कर चार्ट दिखाए गए और कई वेबसाइटों पर रकम निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया। जब पीड़ित ने पैसे वापस मांगे, तो धोखेबाजों ने धमकाकर और रकम वसूलने की कोशिश की।
जांच में सामने आया है कि पीड़ित द्वारा भेजी गई रकम में से करीब 31 लाख रुपये एक फर्जी कंपनी “हरशिता फर्नीचर्स एंड इंटीरियर्स” के करंट अकाउंट में भेजे गए, जिनमें से 23.80 लाख रुपये आगे “बुबाई इंस्टेंट शॉप OPC प्राइवेट लिमिटेड” के खाते में डाले गए। यह खाता भी शेल कंपनी के रूप में तैयार किया गया था। पुलिस तकनीकी जांच में पाया कि इन खातों से जुड़े बैंक दस्तावेज देशभर में दर्ज 1167 शिकायतों से जुड़े हुए हैं।
गिरोह ने ठगी के पैसों को घूमाने और छिपाने के लिए इंडसइंड, एचडीएफसी, यस बैंक, एयू स्मॉल फाइनेंस और अन्य बैंकों में कई करंट अकाउंट खोले थे। जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह का संचालन नोएडा से किया जा रहा था, जहां से फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग ऑफिस चलाया जा रहा था। गिरोह का सीधा संपर्क अशोक कुमार उर्फ “जैक” से था, जो चीन में बैठे मास्टरमाइंड टॉम के निर्देशों पर काम करता था।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि यह ठग Telegram के जरिये भर्ती किए गए थे और हर ट्रांजैक्शन पर कमीशन दिया जाता था। ठगी के लिए फर्जी एप्लिकेशन और वेबसाइट तैयार की गई थीं, जिनके जरिए लोगों को निवेश का लालच देकर करोड़ों रुपये की वसूली की जा रही थी। इनमें करीब 14 फर्जी ट्रेडिंग एप्लिकेशन भी शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस साइबर सेल ने इस मामले को बड़ी कार्रवाई बताते हुए कहा है कि यह गिरफ्तारियां सिर्फ शुरुआत हैं। कई और आरोपी तथा विदेशी कड़ियां सामने आ सकती हैं। टीम अब ठगी के पूरे नेटवर्क और मनी ट्रेल की खोज में जुटी है।
साइबर सेल ने लोगों को ऑनलाइन निवेश से पहले प्लेटफॉर्म की सत्यता जांचने की सलाह दी है, साथ ही किसी भी संदिग्ध लिंक या कॉल से सतर्क रहने की अपील की है।
यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध से निपटने की क्षमता को दर्शाती है।




