दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने GTB अस्पताल मर्डर केस के मास्टरमाइंड और कुख्यात गैंग के अहम सदस्य फ़हीम उर्फ बादशाह को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी के बाद बड़ी राहत मिली है, क्योंकि यह मामला जुलाई 2024 से दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था। फ़हीम ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पंजाब में कई स्थानों पर छिपकर पुलिस से बचने की कोशिश की, लेकिन क्राइम ब्रांच की कड़ी मेहनत और लगातार छापेमारी के बाद उसे मेरठ, उत्तर प्रदेश के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
14 जुलाई 2024 को दिल्ली के GTB अस्पताल में रियाज़ुद्दीन नामक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। उस पर पांच राउंड गोलियां चलाई गईं, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद GTB एन्क्लेव पुलिस स्टेशन में एफआईआर नंबर 340/2024 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया। मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा गया और आरोपियों को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई।
क्राइम ब्रांच की ईस्टर्न रेंज-I टीम, इंस्पेक्टर आशीष शर्मा के नेतृत्व में, लगातार इस मामले पर काम कर रही थी। टीम ने दिल्ली, यूपी और पंजाब में कई स्थानों पर छापेमारी की। तकनीकी निगरानी और मैनुअल खुफिया जानकारी के आधार पर आखिरकार मुख्य आरोपी फ़हीम उर्फ बादशाह को मेरठ, उत्तर प्रदेश के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में फ़हीम उर्फ बादशाह ने खुलासा किया कि उसने GTB अस्पताल मर्डर केस की साजिश अपने बाबरपुर स्थित फ्लैट में रची थी। यह साजिश एक कुख्यात गैंगस्टर के निर्देश पर की गई थी। फ़हीम ने दो अवैध हथियार और 19 राउंड गोलियां जुटाईं और अपने गैंग के शूटरों को दीं ताकि वे उसके प्रतिद्वंद्वी वसीम को मार सकें।
फ़हीम के अनुसार, 14 जुलाई को वसीम को मारने की योजना थी, लेकिन गलत पहचान के चलते शूटरों ने रियाज़ुद्दीन पर गोलियां चला दीं, जो उसी वार्ड में भर्ती था। हत्या के बाद फ़हीम और उसके साथी फरार हो गए और फ़हीम ने दिल्ली, बिहार, पंजाब और मेरठ में कई स्थानों पर शरण ली।
फ़हीम उर्फ बादशाह पहले भी कई आपराधिक मामलों में संलिप्त रहा है। वह 2023 में सराय रोहिल्ला पुलिस स्टेशन के तहत दर्ज एक लूट के मामले में भी जेल जा चुका है।
दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई के बाद राजधानी में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।