भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2024 में बिहार पवेलियन ने अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, कला और नवाचार का अद्वितीय प्रदर्शन किया है। बिहार संग्रहालय की मोबाइल प्रदर्शनी और क्राफ्टेज जैसे स्टार्टअप्स ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया है। इस मंडप ने न केवल बिहारवासियों, बल्कि अन्य राज्यों के लोगों को भी अपनी अनमोल सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराया है और उन्हें आकर्षित किया है।
बिहार संग्रहालय ने इस बार ट्रेड फेयर में बिहार पवेलियन में अपनी मोबाइल प्रदर्शनी के माध्यम से बिहार के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को उजागर किया। क्यूरेटोरियल एसोसिएट स्वाति सिंह ने बताया, “डॉ. राजेंद्र प्रसाद का कहना था कि बिहार का इतिहास भारत का इतिहास है। इसी विचारधारा के तहत हमने दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से 11वीं शताब्दी तक की धरोहरों का प्रदर्शन किया है।”
यह प्रदर्शनी 25×25 फीट के क्षेत्र में सजी है, जिसमें पद्मश्री कलाकारों की कृतियां भी शामिल हैं। इस पहल का उद्देश्य बिहार के इतिहास और संस्कृति पर गर्व महसूस कराना है।
बिहार पवेलियन में बिहार संग्रहालय राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहां पारंपरिक और समकालीन कला का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।
बिहार पवेलियन के प्रदर्शनी सह बिक्री स्टॉल में बिहार के स्टार्टअप क्राफ्टेज (Craftage) ने अपनी सुगंधित मोमबत्तियों और हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया। गगन गौरव ने बताया कि उनका स्टार्टअप अरोमा कैंडल्स और बिहार की लोक कला आधारित हस्तशिल्प पर काम करता है। उन्होंने कहा, “हमने मधुबनी और मंजूषा पेंटिंग से सजे लकड़ी के बॉक्स और ट्रे पेश किए हैं, साथ ही लिट्टी चोखा कैंडल्स, चाय बिस्किट कैंडल्स और रूम फ्रेशनर कैंडल्स ने भी लोगों को आकर्षित किया है।”
गगन ने बताया कि ट्रेड फेयर उनके लिए रिटेल और काउंटर बिक्री के अलावा नए वितरकों और रेसलर्स को खोजने का बेहतरीन अवसर है। “हम पटना से हैं, लेकिन इस मेले के जरिए हमने अपने उत्पादों के लिए नए सप्लाई चैन बनाने की कोशिश की है,” उन्होंने कहा।
बिहार मंडप ने IITF 2024 में अपनी संस्कृति, कला और नवाचार के अनूठे प्रदर्शन से लोगों का दिल जीता। यह पहल न केवल बिहार की विरासत को संरक्षित करने का काम कर रही है, बल्कि इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी प्रयास कर रही है।