चंडीगढ़ (अनिल बेदाग): शुक्रवार, 25 अक्टूबर को नवगठित 15वीं हरियाणा विधानसभा के पहले सत्र में सभी नव-निर्वाचित विधायकों ने प्रोटेम स्पीकर डॉ. रघुबीर सिंह कादयान द्वारा शपथ ग्रहण की। इसके बाद, घरौंडा विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार बीजेपी के टिकट पर चुने गए विधायक हरविंदर कल्याण को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष और जींद विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार बीजेपी के टिकट पर चुने गए डॉ. कृष्ण लाल मिद्दा को उपाध्यक्ष चुना गया।
हालांकि, इसी बीच पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के अधिवक्ता और विधायी विशेषज्ञ हेमंत कुमार (9416887788) ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि यह हरियाणा विधानसभा सचिवालय के संबंधित अधिकारियों या कर्मचारियों की लापरवाही हो सकती है या फिर एक गंभीर गलती, जिसके तहत उन्होंने शपथ ग्रहण के लिए एक ऐसा प्रारूप तैयार किया जिसमें नव-निर्वाचित विधायकों ने ईश्वर के नाम पर शपथ ली और साथ ही सदन में ईमानदारी से पुष्टि भी की। जबकि संविधान के अनुसार शपथ या पुष्टि में से केवल एक ही किया जा सकता है, दोनों एक साथ नहीं।
हेमंत कुमार ने बताया कि भारत के संविधान की तीसरी अनुसूची में राज्य विधानसभा के सदस्य (विधायक) द्वारा ली जाने वाली शपथ या पुष्टि का प्रारूप है, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि विधायक अपने पद की शपथ या पुष्टि कर सकते हैं। यह विधायक के विश्वास पर निर्भर करता है कि वह ईश्वर के नाम पर शपथ ले या फिर ईमानदारी से पुष्टि करे, लेकिन दोनों एक साथ नहीं कर सकते।
चौंकाने वाली बात यह है कि जब ऐसा हो रहा था, तब न तो प्रोटेम स्पीकर डॉ. रघुबीर कादयान और न ही विधानसभा सचिव डॉ. सतीश कुमार या किसी अन्य विधानसभा अधिकारी ने इस मुद्दे पर हस्तक्षेप किया। हेमंत का मानना है कि प्रोटेम स्पीकर या कम से कम विधानसभा सचिव को शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने से पहले यह स्पष्ट कर देना चाहिए था कि नव-निर्वाचित विधायक ईश्वर के नाम पर शपथ ले सकते हैं या फिर ईमानदारी से पुष्टि कर सकते हैं ताकि किसी भी विधायक के मन में कोई संदेह न रहे।
गौरतलब है कि इस बार 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में 40 विधायक पहली बार चुने गए हैं, इसलिए यह स्पष्टता बेहद जरूरी थी। सत्र की शुरुआत में रोहतक के कांग्रेस विधायक भारत भूषण बत्रा ने डॉ. रघुबीर कादयान को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने के राज्यपाल के फैसले पर आपत्ति जताई थी, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा ने भी समर्थन दिया था। लेकिन जब मुख्यमंत्री, मंत्री और अन्य विधायक शपथ ले रहे थे, तब किसी ने भी इस मुद्दे पर आपत्ति नहीं जताई।
इस प्रकार, हरियाणा विधानसभा के पहले सत्र में नव-निर्वाचित विधायकों ने प्रोटेम स्पीकर डॉ. रघुबीर सिंह कादयान द्वारा शपथ ग्रहण की और हरविंदर कल्याण को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुना गया।