नई दिल्ली: सरकार ने कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक विशेष योजना – प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक हस्तशिल्प और कारीगरों को सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत, पत्थर तराशने वाले, जूते बनाने वाले, मिस्त्री, बुनकर, झाड़ू बनाने वाले, गुड़िया बनाने वाले, नाई, मछली जाल बनाने वाले जैसे कुल 18 पारिवारिक पारंपरिक व्यवसायों में लगे कारीगरों को पंजीकरण और सहायता प्रदान की जाएगी।इस योजना के तहत पात्रता के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें निर्धारित की गई हैं। योजना में पंजीकरण के लिए लाभार्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए और वह पंजीकरण के समय संबंधित व्यापार में संलग्न होना चाहिए। इसके अलावा, यदि लाभार्थी ने पिछले 5 वर्षों में पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि, मुद्रा जैसी किसी अन्य सरकारी योजना के तहत ऋण नहीं लिया है, तो ही वह पंजीकरण के लिए पात्र होंगे। इस योजना के तहत एक परिवार के सिर्फ एक सदस्य को पंजीकरण और लाभ का अधिकार होगा।प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत पंजीकृत लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र दिए जाएंगे। साथ ही कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, ऋण सहायता, डिजिटल लेन-देन प्रोत्साहन, विपणन समर्थन जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके अलावा, सभी पंजीकृत लाभार्थियों को 7 से 15 दिनों के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें प्रतिदिन ₹500/- का प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। पंजीकृत कारीगरों को ₹15,000/- मूल्य के औजार भी प्रदान किए जाएंगे, जिससे वे अपने काम को और अधिक कुशलता से कर सकें।यह योजना न केवल कारीगरों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगी, बल्कि उनके पारंपरिक हस्तशिल्प और हुनर को नई पहचान देने में भी मददगार साबित होगी।
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