दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 18 अक्टूबर को हुई 2 करोड़ रुपये से अधिक की सनसनीखेज डकैती के मामले को सुलझा लिया है। डकैतों ने एक बुजुर्ग दंपति को बंधक बनाकर उनके घर से भारी मात्रा में नकदी और गहने लूट लिए थे। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर 1.10 करोड़ रुपये नकद और घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल बरामद की है।
प्रशांत विहार इलाके में 18 अक्टूबर 2024 को DRDO के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री सिब्बू सिंह वर्मा ने शिकायत दर्ज कराई कि पांच सशस्त्र डकैत उनके घर में नकली कूरियर कर्मचारी बनकर घुसे। उन्होंने बंदूक की नोक पर बुजुर्ग दंपति को एक कमरे में बंद कर उनके हाथ बांध दिए। इसके बाद उन्होंने घर से करीब 2 करोड़ रुपये नकद और 260 ग्राम सोने के आभूषण लूट लिए। घटना के बाद डकैत धमकी देकर फरार हो गए। इस पर प्रशांत विहार थाने में मामला दर्ज किया गया।
इस गंभीर मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच की कई टीमें गठित की गईं। दो टीमों को डीसीपी संजय सैन और डीसीपी सतीश कुमार के मार्गदर्शन में एसीपी विवेक त्यागी और एसीपी उमेश बर्थवाल के नेतृत्व में कार्रवाई का जिम्मा सौंपा गया। इंस्पेक्टर अजय शर्मा और इंस्पेक्टर रामपाल के नेतृत्व में टीमों ने लगातार 60 घंटों तक मेहनत की, जिसके बाद हेड कांस्टेबल नरेंद्र को हरियाणा से दिल्ली की ओर आ रहे दो संदिग्धों की जानकारी मिली। पुलिस ने नरेला फ्लाईओवर के नीचे एक जाल बिछाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इनकी पहचान कमल उर्फ अमनदीप और आशीष उर्फ आशु के रूप में हुई। उनके पास से 76 लाख रुपये नकद और घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल भी बरामद की गई।
एक अन्य टीम ने संदिग्धों की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहचान की और जांच आगे बढ़ाई। इसके बाद पवन सिंह को गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से 34 लाख रुपये नकद बरामद हुए। पूछताछ के दौरान पवन सिंह ने बताया कि उसने अपने साथियों गौरव, कमल, आशीष, कृष्ण और डिप्टी के साथ मिलकर इस डकैती की साजिश रची थी। गौरव ने पीड़ित के घर में बड़ी मात्रा में नकदी होने की जानकारी दी थी, जिसके बाद सभी ने मिलकर घटना को अंजाम दिया
क्राइम ब्रांच की यह कार्रवाई सराहनीय है, जिसने बुजुर्ग दंपति के साथ हुई इस गंभीर घटना को सुलझाकर अपराधियों को पकड़ लिया है।