नई दिल्ली में 9वें होमलैंड सिक्योरिटी समिट में एएसएसोचैम और ईवाई की संयुक्त रिपोर्ट का अनावरण

एएसएसोचैम द्वारा आयोजित 9वें होमलैंड सिक्योरिटी समिट में एएसएसोचैम और ईवाई की संयुक्त ज्ञान रिपोर्ट का अनावरण किया गया। इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि शीर्ष उद्योग संस्थाओं और आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों को आपसी विश्वास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाना चाहिए। सरकारी और उद्योग के बीच रणनीतिक साझेदारी बनाकर, और आंतरिक सुरक्षा पर केंद्रित उत्कृष्टता केंद्र (CoEs) स्थापित कर, उभरती तकनीकों का उपयोग करते हुए नवाचार को बढ़ावा दिया जा सकता है।उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी और पब्लिक पुलिस एनजीओ के संस्थापक ट्रस्टी डॉ. विक्रम सिंह (आईपीएस सेवानिवृत्त) ने ड्रोन घुसपैठों की बढ़ती चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जो एक गंभीर खतरा बन रही हैं। इसके अलावा, उन्होंने फॉरेंसिक क्षेत्र में इन खतरों का पता लगाने और उन्हें कम करने में आ रही चुनौतियों की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि चेहरे की पहचान सॉफ़्टवेयर में प्रगति, मशीन लर्निंग और एआई-सक्षम सीसीटीवी नेटवर्क हमारी सुरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इन तकनीकों का लाभ उठाकर हम स्थितिजन्य जागरूकता बढ़ा सकते हैं और उभरते खतरों का सक्रिय रूप से जवाब दे सकते हैं।इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक और भारत सरकार के सुरक्षा सचिव श्री यशवर्धन आजाद (आईपीएस सेवानिवृत्त) ने कहा कि भविष्य की सुरक्षा संरचना को तैयार करने के लिए विचारों और नवाचारों का स्वतंत्र रूप से एकीकरण आवश्यक है। उन्होंने गृह मंत्रालय और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए इन नई तकनीकों को अपनाने की क्षमता पर जोर दिया। आजाद ने सरकार, उद्योग और अन्य हितधारकों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया और कहा कि सिस्टम में संरचनात्मक जड़ताओं को दूर करना जरूरी है। समिट में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के निदेशक डॉ. अरविंद गुप्ता ने कहा कि आज के जटिल सुरक्षा परिदृश्य में मिशन-उन्मुख दृष्टिकोण राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि “विकसित भारत 2047” का विजन हमें विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में प्रेरित करता है, जिसमें उद्योग और सरकार के बीच समन्वय महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।एएसएसोचैम के राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद परिषद के अध्यक्ष डॉ. ए.के. अग्रवाल ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सुरक्षा और संरक्षा किसी भी राष्ट्र की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में होती है। हर राष्ट्र अपने नागरिकों, संस्थानों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास करता है ताकि उसकी संप्रभुता और स्थिरता बरकरार रह सके।श्री हितेंद्र मेहता, एएसएसोचैम के राष्ट्रीय परिषद के सह-अध्यक्ष और सेंटरम लीगल के मैनेजिंग पार्टनर ने भी “विकसित भारत 2047” के विजन को साकार करने के लिए आंतरिक सुरक्षा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मजबूत आंतरिक सुरक्षा व्यवस्थाओं के बिना यह लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता।

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