संसदीय सत्र के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अपने विवादित बयान पर माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया है। पुणे में मीडिया से बातचीत के दौरान चव्हाण ने दो टूक कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है और “संविधान उन्हें सवाल पूछने का अधिकार देता है,” इसलिए माफी का सवाल ही पैदा नहीं होता।
चव्हाण ने हाल ही में कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले ही दिन भारत को “पूरी तरह पराजय” का सामना करना पड़ा था और भारतीय विमानों को मार गिराया गया, जिससे भारतीय सैन्य कार्रवाई प्रभावित हुई। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है और देश भर में बहस तेज कर दी है।
बीजेपी नेताओं ने चव्हाण के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कांग्रेस और चव्हाण पर भारतीय सेना का अपमान करने का आरोप लगाया है और कहा कि ऐसे बयान राष्ट्रीय सुरक्षा की भावना के खिलाफ हैं। बीजेपी सांसद बृजलाल समेत कई नेताओं ने कांग्रेस को देश का अपमान करने वाली पार्टी बताकर कड़ी आलोचना की है।
इस बयान को लेकर सियासी तापमान काफी गरमाया हुआ है और संसद में भी इसका जोरदार जवाब तैयार किया जा रहा है। चव्हाण के सीधे हुए रुख ने इस मुद्दे को सरकार और विपक्ष के बीच नई बहस का विषय बना दिया है, जिसमें सेना, संविधान और भाषण की आज़ादी पर केंद्रित महत्वपूर्ण सवाल उठ रहे हैं।





