नई दिल्ली, 12 सितंबर 2024: वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) के अध्यक्ष श्री टी के मनोज कुमार ने मौजूदा वेयरहाउसिंग स्टॉक को उन्नत करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि व्यवसायिक अवसरों को बढ़ावा दिया जा सके। यह केवल नए स्टॉक को बाजार में लाने की बात नहीं है, बल्कि उत्पादकता बढ़ाने और भंडारण क्षति को कम करने का लक्ष्य भी है। यह विचार उन्होंने ASSOCHAM द्वारा आयोजित ‘विकसित भारत के लिए लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग’ पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में व्यक्त किए।
श्री टी के मनोज कुमार ने कहा कि देश के अधिकांश बड़े शहरों में वेयरहाउस बाहरी क्षेत्रों या शहरों के मध्य में स्थित हैं, क्योंकि इन्हें बहुत पहले बनाया गया था। अब आवश्यकता है कि इन वेयरहाउसों को खेतों के नजदीक स्थानांतरित किया जाए ताकि अधिक माल को कवर किया जा सके और भंडारण में होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग उद्योग को सफलतापूर्वक चलाने के लिए डिजिटलीकरण और मानकीकरण की भी उतनी ही आवश्यकता है। डिजिटलीकरण से प्रणाली को अधिक कुशल बनाया जा सकता है, जबकि सभी वेयरहाउसों और लॉजिस्टिक सुविधाओं का एक मानक होना जरूरी है, जिससे संचालन में समरूपता और दक्षता बनी रहे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि WDRA का मुख्य कार्य देश के सभी पंजीकृत वेयरहाउसों को एक मानक के अनुरूप सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, सरकार द्वारा प्रामाणित नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीद (NWR) प्रणाली को लागू किया जा रहा है, जो व्यापार में विश्वास और पारदर्शिता बढ़ाने में सहायक है।
श्री कुमार ने बताया कि WDRA द्वारा पंजीकृत सभी वेयरहाउस की NWR डिजिटलीकृत रसीदें होती हैं। पिछले दो वर्षों में, पंजीकृत वेयरहाउसों की संख्या में 43% की वृद्धि हुई है, जो कि एक सकारात्मक संकेत है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन विभाग के निदेशक, श्री राकेश कुमार मीणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के विज़न पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) का उल्लेख किया, जो इस लक्ष्य को समर्थन देने और लॉजिस्टिक सेवाओं में सुधार करने के लिए लागू की गई हैं।
सम्मेलन के दौरान, नेशनल हाईवेज लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड के सीईओ, श्री प्रकाश गौर ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र पर बढ़ते फोकस का जिक्र किया और निजी क्षेत्र की भूमिका की सराहना की, जिसने लॉजिस्टिक लागत को 14% से घटाकर 9% कर दिया है। उन्होंने कहा कि इससे भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार हुआ है, विशेष रूप से उत्पाद नवाचार और लागत दक्षता में।
सम्मेलन में अन्य प्रमुख वक्ताओं में श्री मनुज अदलखा (सह-संस्थापक, बूट्स एंड कार्गो पीपल), श्री संजय बजपाई (अध्यक्ष, नेशनल काउंसिल ऑन लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग, ASSOCHAM), श्री गिरीश सिंघी (को-चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर, वेलस्पन वन) और श्री मनीष शर्मा (पार्टनर, PwC) शामिल थे।