नई दिल्ली : भारत में सिन्ध राज्य की मांग महा पंचायत का आयोजन नई दिल्ली के सिंधु भवन में किया गया। इस पंचायत का आयोजन प्रसिद्ध सिंधी एक्टिविस्ट महेश कुमार मलकानी, कोलकाता अन्तरराष्ट्रीय संयोजक के नेतृत्व में किया गया।
इस पंचायत में सिन्धी समाज के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता, विभिन्न संस्थाओं के वरिष्ठ पदाधिकारी, और पूर्व आईएएस राजा राम-लखनऊ ने भाग लिया । कार्यक्रम के संचालक एवं आयोजक, प्रगतिशील सिंधी समाज समिति के अध्यक्ष विजय ईसरानी- दिल्ली रहे।
इस पंचायत में सभी सिन्धी समाज की पंचायतों, संस्थाओं, श्री झूलेलाल साईं मन्दिरों के वरिष्ठ पदाधिकारियों, और सदस्यगणों ने अपने विचार रखे थे। इस अवसर पर अभियान के अंतरराष्ट्रीय संयोजक महेश कुमार मिगलानी कोलकाता ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बंटवारे का दंश लेकर हिन्दुस्तान पहुंचे सिंधी समाज के लोगों ने खुद के दम पर अपनी पहचान बनाई है।
महेश कुमार मलकानी ने आगे कहा कि सिंधी समाज के लोगों ने अपनी सांस्कृतिक विरासत, भाषा, और राष्ट्रीय पहचान को बनाए रखने के लिए बहुत संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि अलग राज्य की मांग किसी तरह का बंटवारा न होकर सिंधी अस्मिता का संरक्षण करना है।
प्रगतिशील सिंधी समाज समिति के अध्यक्ष विजय ईसरानी ने कहा कि सिंधी समाज किसी दूसरे देश का अंग नहीं था, अपितु अखंड भारत का ही हिस्सा है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक व्यवस्था में प्रमुख योगदान देने के बाद भी आज भी रिफ्यूजी जैसे शब्दों से सिंधी समाज के लोगों को जोड़ा जाता है, जो कि संवैधानिक रूप से पूर्णता गलत है।
पूर्व आईआईएस श्री राजा राम (लखनऊ) परामर्शदाता ने कहा कि भारत मैं सिंधु राज्य की स्थापना की जए ।भाषा और संस्कृति के आधार पर सिंधी समाज का यह कानून अधिकार है।
समाज के लोगों ने सिंधु राज्य की स्थापना के लिए संसद, राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, और गृह मंत्री से अपील कि है कि हम भारत वर्ष की संप्रभुता की रक्षा करते हुए अपना हक और अधिकार चाहते हैं।अपनी मांगों को लेकर संसद से सड़क तक संघर्ष करने का संकल्प लिया गया है। पंचायत में सिंधी समाज से इस आभियान को समर्थन देने का आह्वाहन भी किया गया है।
इस आयोजित बैठक में श्री भरत वाटवानी (वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रगतिशील सिन्धी समाज समिति), मिशन के मुख्य आयोजक, श्री कुमार रामचंदानी (गांधीधाम), श्री किशोर गृगलानी (अहमदाबाद), श्री सुरेश कुमार श्री गोवर्धन दास, श्री ओम प्रकाश कुकरेजा (अध्यक्ष, मयूर विहार), श्री गौतम थावानी (सचिव प्रगतिशील) इत्यादि उपस्थित थे।