दिल्ली के ताहिरपुर सीएनजी पंप के पास एक महिला सीनियर सिटीजन से धोखाधड़ी कर सोने की बालियां ठगने की घटना सामने आई है। यह घटना 26 सितंबर 2024 को हुई, जब शिकायतकर्ता 60 वर्षीय मुनेश, जो कि चांद बाग, भजनपुरा, दिल्ली की निवासी हैं, अपने पोते को फ्लोरा डेल स्कूल से लेने गई थीं। मुनेश जी के अनुसार, दोपहर लगभग 12:30 बजे जब वह रिक्शा का इंतजार कर रही थीं, तभी एक कार में बैठे लोगों ने उन्हें भजनपुरा तक छोड़ने की पेशकश की। उन्होंने उनके साथ कार में सफर किया।
कार में पहले से दो लोग बैठे थे और जब कार नंद नगरी के एसडीएम कार्यालय के पास पहुंची, तो एक व्यक्ति ने उन्हें बताया कि आगे पुलिस चेकिंग हो रही है और उन्हें अपनी सोने की बालियां उतार कर एक लिफाफे में रखनी होंगी। मुनेश ने निर्देशों का पालन करते हुए अपनी बालियां उतार कर उन्हें दे दीं। कुछ समय बाद उन्हें अंबेडकर गेट पर उतार दिया गया। जब उन्होंने लिफाफा चेक किया, तो वह खाली निकला।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शाहदरा जिले की एंटी-स्नैचिंग और बर्गलरी सेल को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। सब इंस्पेक्टर भुमेश्वर यादव के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई, जिसमें एएसआई दीपेन्दर, एएसआई राज कुमार, एएसआई दीपक, हेड कॉन्स्टेबल मनोज, हेड कॉन्स्टेबल सचिन और अन्य अधिकारियों ने मिलकर काम किया।
टीम ने घटनास्थल के आस-पास के सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की, जिसमें एक सिल्वर रंग की आई-10 कार नजर आई। फुटेज और स्थानीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर टीम ने कार की हरकतों का पता लगाकर उसका रूट मैप तैयार किया। कार का रजिस्ट्रेशन नंबर फर्जी पाया गया, लेकिन टीम ने लगातार ट्रैप लगाए और गहन जांच की। आखिरकार कार को ताहिरपुर रेड लाइट के पास रोका गया, लेकिन आरोपी कार छोड़कर भाग निकले।
कार के अंदर से एक मोबाइल फोन और फर्जी नंबर प्लेट बरामद की गई। आरोपियों का पता लगाने के लिए कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) की मदद ली गई, जिससे महत्वपूर्ण जानकारी मिली। बाद में टीम ने एक संगठित अभियान चलाकर मुख्य आरोपी सागर और उसके साथियों चंदन और विक्की को गिरफ्तार कर लिया। एक और आरोपी अश्वनी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।
गिरफ्तार आरोपी सागर ने पूछताछ में कबूल किया कि वह इस गिरोह का सरगना है और महिलाओं को ठगने में माहिर है। उसने बताया कि वह नकली नंबर प्लेट वाली कारों का इस्तेमाल करता था और हर वारदात के बाद लोकेशन और फोन नंबर बदल देता था। उसका गिरोह मुख्य रूप से महिलाओं को निशाना बनाता था, जो सोने की चेन या बालियां पहनती थीं। उसने कई घटनाओं को अंजाम दिया, और अपनी विलासितापूर्ण जीवनशैली के लिए अपराधों में लिप्त रहता था।
सागर के खिलाफ पहले से ही 15 आपराधिक मामले दर्ज हैं, और उसे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र का एक कुख्यात अपराधी माना जाता है, जो खासकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।
पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है और मामले की गहन जांच कर रही है।