
हरियाणा के वरिष्ठ वकील और कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार ने हरियाणा सरकार को सीआईडी (Criminal Investigation Department) का नाम बदलकर ‘स्टेट इंटेलिजेंस विंग’ करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने हरियाणा पुलिस एक्ट, 2007 के सेक्शन 16 का हवाला देते हुए कहा कि कानून में सीआईडी का जिक्र नहीं है। इसके स्थान पर ‘स्टेट इंटेलिजेंस विंग’ और ‘स्टेट क्राइम इन्वेस्टिगेशन विंग’ का उल्लेख किया गया है।
वकील हेमंत ने कहा कि सीआईडी न तो एक अलग विभाग है और न ही इसका कार्य आपराधिक मामलों की जांच करना है। इसका कार्य केवल खुफिया जानकारी जुटाना, उसका विश्लेषण करना और उसे उचित माध्यम से प्रसारित करना है, जबकि आपराधिक जांच का कार्य स्टेट क्राइम इन्वेस्टिगेशन विंग के अंतर्गत आता है।
उन्होंने बताया कि ब्रिटिश शासन के दौरान स्थापित सीआईडी अब राज्यों में अलग-अलग कार्य करती है। पंजाब में इसे ‘इंटेलिजेंस विंग’ कहा जाता है, जबकि केंद्र सरकार का ‘इंटेलिजेंस ब्यूरो’ खुफिया कार्यों के लिए जिम्मेदार है।
हेमंत कुमार ने पिछले चार वर्षों में राज्य सरकार को कई बार इस विषय में पत्र लिखा है, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हाल ही में उन्होंने एक बार फिर राज्य सरकार को ज्ञापन भेजकर नाम बदलने की मांग की है। उनका कहना है कि हरियाणा में सीआईडी का नाम बदलकर ‘स्टेट इंटेलिजेंस विंग’ करना जरूरी है ताकि यह हरियाणा पुलिस एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप हो।