“देश की प्रगति और शांति के लिए समुदायों के बीच विश्वास और एकता अनिवार्य है,” यह बात तेलंगाना के डिप्टी सीएम श्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने गुरुवार को ‘ब्लड स्पीक्स टू: द रोल ऑफ मुस्लिम्स इन इंडिया’ज़ इंडिपेंडेंस’ पुस्तक के विमोचन के दौरान कही।
यह पुस्तक सैयद शहनवाज अहमद क़ादरी द्वारा लिखी गई है, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में मुस्लिम समुदाय के योगदान पर आधारित है। क़ादरी ने 1857 से 1947 के बीच मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और संघर्ष को करीब 2,400 व्यक्तिगत कहानियों और 150 दुर्लभ तस्वीरों के माध्यम से उजागर किया है।
पुस्तक विमोचन समारोह में प्रमुख हस्तियां शामिल
रविंद्र भारती ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में कई दिग्गज नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और विद्वान मौजूद रहे।
तेलंगाना पीसीसी सदस्य मोहम्मद जावेद ने कहा, “यह पुस्तक समय की मांग थी, क्योंकि आज कुछ लोग यह दावा कर रहे हैं कि मुसलमानों ने स्वतंत्रता संग्राम में कोई खास योगदान नहीं दिया।”
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. सुरेश खैरनार ने इसे “वर्तमान समय में मुस्लिम योगदान की सच्चाई को साबित करने वाला दस्तावेज़” बताया।
प्रमुख विचारक रघु ठाकुर ने कहा, “जिस तरह भगत सिंह का नाम लिया जाता है, उसी तरह अशफ़ाक़ुल्ला खान के बलिदान को भी याद किया जाना चाहिए।”
पूर्व सांसद मौलाना ओबेदुल्ला खान आज़मी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, “जिन मुसलमानों ने आज़ादी के लिए खून बहाया, आज उनके घर तोड़े जा रहे हैं और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।”
जामिया निज़ामिया के चांसलर मौलाना मुफ्ती खलील अहमद ने कहा, “यह पुस्तक आज और आने वाली पीढ़ियों को इतिहास से जोड़ने का एक अनूठा प्रयास है।”
पुस्तक के अनुवादक परवेज़ आलम सिद्दीकी ने इसके महत्व को आज के सामाजिक और राजनीतिक परिवेश में खास बताया।
तेलंगाना सेंट्रल लाइब्रेरी के चेयरमैन डॉ. रियाज़ ने घोषणा की कि राज्य की 600 लाइब्रेरीज़ में यह पुस्तक उपलब्ध कराई जाएगी।
पुस्तक की विशेषताएं
- 2,400 स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां और 150 दुर्लभ तस्वीरें।
- दक्षिण भारत के स्वतंत्रता आंदोलन पर विस्तृत प्रकाश।
- ऐतिहासिक तथ्यों के साथ मुस्लिम योगदान की उपेक्षा पर सवाल।
- सरल और रोचक शैली में लिखी गई यह पुस्तक हर वर्ग के पाठकों को जोड़ती है।
ब्लड स्पीक्स टू अंग्रेज़ी में विस्तारित संस्करण है, जो पहले हिंदी और उर्दू में ‘लहू बोलता भी है’ नाम से प्रकाशित हुई थी।
सैयद शहनवाज अहमद क़ादरी एक इतिहासकार, लेखक और राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में मुस्लिम योगदान को उजागर करने के लिए यह महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। उनकी पुस्तक न केवल ऐतिहासिक तथ्यों को सहेजती है, बल्कि वर्तमान पीढ़ी को एकता और समर्पण का संदेश भी देती है।
‘ब्लड स्पीक्स टू‘ एक ऐसी किताब है, जो इतिहास के उन अनसुने पन्नों को सामने लाती है, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मुस्लिम समुदाय के बलिदानों को दर्शाते हैं। यह पुस्तक न केवल ऐतिहासिक दस्तावेज़ है, बल्कि आज के समय में सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश भी है।