पटना में हुए NEET पेपर चोरी मामले में सीबीआई ने तीसरी चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट केस नंबर RC6E2024/CBI के तहत 21 आरोपियों के खिलाफ विशेष सीबीआई अदालत, पटना में पेश की गई है। आरोपियों में राज कुमार सिंह उर्फ राजू सिंह, सुरेंद्र कुमार शर्मा उर्फ मोल, राकेश रंजन उर्फ रॉकी, शशिकांत पासवान उर्फ शशि उर्फ पासु, अभिनास कुमार उर्फ बंटी, करन जैन, कुमार शानू, राहुल आनंद, चंदन सिंह, सुरभि कुमारी, दीपेंद्र शर्मा, कुमार मंगलम विश्नोई, रौनक राज, संदीप कुमार, अमित कुमार, संजय कुमार, रंजीत कुमार बेउरा उर्फ पिंटू, अमित प्रसाद महाराणा उर्फ मुनु, धीरन कुमार पांडा, सुशांत मोहंती, और पंकज कुमार उर्फ आदित्य शामिल हैं। इन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-B, 109, 201, 380, 409, 411, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) और 13(1)(a) के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है।
इस चार्जशीट में 5500 से अधिक पृष्ठ हैं और सीबीआई ने 298 गवाहों, 290 दस्तावेजों और 45 सामग्री वस्तुओं का उल्लेख किया है। जांच से पता चला कि NEET UG 2024 का प्रश्नपत्र 5 मई 2024 की सुबह हजारीबाग के ओएएसआईएस स्कूल के नियंत्रण कक्ष से चुराया गया था। ट्रंक बैंक वॉल्ट से स्कूल पहुंचने के बाद आरोपी पंकज कुमार को स्कूल के प्रिंसिपल अहसानुल हक और उप-प्राचार्य इम्तियाज आलम ने गुप्त रूप से नियंत्रण कक्ष में प्रवेश दिया। पंकज ने ट्रंक के कुंदे से छेड़छाड़ कर एक प्रश्नपत्र निकाला, उसकी फोटो खींची, और फिर उसे वापस रखकर ट्रंक को सील कर दिया।
इसके बाद, पंकज ने प्रश्नपत्र की तस्वीरें सुरेंद्र कुमार शर्मा को सौंपी, जो हजारीबाग के राज गेस्ट हाउस में थे। यहां से प्रश्नपत्र की प्रतियां निकालकर हल करने के लिए कुछ MBBS छात्रों को दी गई, जिन्होंने पहले की परीक्षाओं में मेरिट के आधार पर सीट हासिल की थी। इन छात्रों में करन जैन, कुमार शानू, राहुल आनंद, चंदन सिंह, सुरभि कुमारी, दीपेंद्र शर्मा, रौनक राज, संदीप कुमार और अमित कुमार शामिल थे। इन्होंने क्रमशः बॉटनी-जूलॉजी, फिर केमिस्ट्री और अंत में फिजिक्स के प्रश्न हल किए।
हल किए गए प्रश्नपत्रों को फिर से गेस्ट हाउस में उपस्थित उम्मीदवारों को वितरित किया गया। हल किए गए प्रश्नपत्र को स्कैन कर विभिन्न स्थानों पर भेजा गया, जहां आरोपियों के गिरोह के सदस्य इसे प्रिंट कर उन उम्मीदवारों को वितरित करते थे, जिन्होंने अग्रिम में पैसे दिए थे। परीक्षा केंद्र जाने से पहले, उम्मीदवारों से प्रिंट की गई प्रतियां वापस ले ली गईं और उन्हें गेस्ट हाउस में ही नष्ट कर दिया गया। आधे जले हुए प्रश्नपत्र की प्रतियां प्ले स्कूल, पटना से बरामद की गईं, जिससे जांच टीम को हजारीबाग के ओएएसआईएस स्कूल तक पहुंचने में मदद मिली।
अब तक इस मामले में कुल 49 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मुख्य साजिशकर्ता और प्रश्नपत्र हल करने वाले शामिल हैं। सीबीआई ने इस मामले में 144 उम्मीदवारों की पहचान की है, जो इस पेपर लीक से लाभान्वित हुए थे। उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। 21 मोबाइल फोन, जो इस मामले के मुख्य आरोपियों द्वारा उपयोग किए गए थे, को गोताखोरों की मदद से विभिन्न जलाशयों से बरामद किया गया है।
अब तक कुल 40 आरोपियों के खिलाफ तीन चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं, और मामले की आगे की जांच जारी है।