दिल्ली पुलिस के दक्षिण-पूर्वी जिले की थाना शाहीन बाग टीम ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय डिजिटल फ्रॉड और जबरन वसूली करने वाले साइबर सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए मास्टरमाइंड समेत दस साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह खुद को सरकारी एजेंसियों और पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देता था और “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूलता था। जांच में सामने आया है कि इस नेटवर्क से जुड़े खातों के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज 66 शिकायतों में 50 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का लिंक मिला है।
मामले की शुरुआत 7 दिसंबर 2025 को हुई, जब शाहीन बाग निवासी तनबीर अहमद ने शिकायत दर्ज कराई कि व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए खुद को कर्नाटक पुलिस अधिकारी बताने वाले ठगों ने उनके आधार और मोबाइल नंबर को गंभीर अपराधों से जोड़ने की धमकी दी और उनसे 99,888 रुपये ठग लिए। शिकायत मिलते ही पुलिस ने तकनीकी और वित्तीय जांच को जोड़ते हुए बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू की।
पुलिस टीमों ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब और हरियाणा में एक साथ छापेमारी कर आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रखी। इस दौरान एक आरोपी को मुंबई एयरपोर्ट से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह दुबई भागने की कोशिश कर रहा था। जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह फर्जी सिम, म्यूल बैंक अकाउंट और व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए लोगों को डराकर पैसे ट्रांसफर करवाता था।
आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, कई डेबिट कार्ड, डिजिटल सबूत, व्हाट्सएप चैट्स, वॉयस नोट्स और एक कार बरामद की गई है। कई आरोपी पहले भी साइबर ठगी के मामलों में शामिल रह चुके हैं। पुलिस के अनुसार यह नेटवर्क अंतरराज्यीय ही नहीं, बल्कि सीमापार स्तर तक फैला हुआ है और इसके अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। साथ ही जुड़े बैंक खातों को फ्रीज करने और अन्य पीड़ितों की पहचान की कार्रवाई भी की जा रही है।
दिल्ली पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की डिजिटल धमकी, संदिग्ध कॉल या वीडियो कॉल से घबराएं नहीं और तुरंत साइबर हेल्पलाइन या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।





