दिल्ली साइबर सेल, क्राइम ब्रांच की टीम ने एक कुख्यात अपराधी अजय कुमार महतो (30 वर्ष), निवासी सीतामढ़ी, बिहार को गिरफ्तार किया है। अजय महतो निहाल विहार थाने में दर्ज एक जघन्य हत्या के मामले में पैरोल पर छूटने के बाद फरार हो गया था। अदालत द्वारा उसे पैरोल अवधि समाप्त होने के बाद आत्मसमर्पण का आदेश दिया गया था, लेकिन वह फरार हो गया और तभी से गिरफ्तारी से बचता रहा
अजय कुमार महतो का संबंध बिहार के सीतामढ़ी जिले के माटियार गाँव से है। वह 8वीं कक्षा तक पढ़ा है और 2011 में दिल्ली आकर कपड़े सिलने का काम करने लगा। अपने काम का उचित भुगतान न मिलने पर उसने अपने साथियों के साथ मिलकर अपने मालिक की पत्थरों से हत्या कर दी थी। निहाल विहार थाना में दर्ज इसी मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान पैरोल पर छूटने के बाद वह फरार हो गया और अदालत की कार्यवाही से बचने की कोशिश करता रहा।
दिल्ली साइबर सेल की टीम ने तकनीकी और जमीनी निगरानी के जरिए अपराधी का सुराग निकाला। हेड कॉन्स्टेबल विपिन कुमार और हेड कॉन्स्टेबल अनुज कुमार को सूचना मिली कि अजय महतो सूरत, गुजरात में छिपा हुआ है। सूचना की पुष्टि के बाद एक टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई प्रवेश कुमार राठी, एएसआई कंवरपाल, एचसी विपिन कुमार, एचसी अनुज कुमार, और एचसी विनोद शामिल थे। टीम ने इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह और एसीपी पवन कुमार के नेतृत्व में सूरत में छापेमारी की और तकनीकी निगरानी की मदद से अपराधी का ठिकाना वल्लभ नगर, वरेली, जिला सूरत में पता चला। टीम ने महादेव मंदिर के पास जाल बिछाया और देर दोपहर को अपराधी को पकड़ लिया
पूछताछ के दौरान अजय महतो ने बताया कि 2011 में वह दिल्ली आया और कपड़े सिलने का काम करने लगा। आर्थिक तंगी और साथी की बुरी संगति के कारण उसने अपने मालिक की हत्या की साजिश रची और उसे पत्थरों से मार डाला। गिरफ्तार होने के बाद वह पैरोल पर छूटा और फरार हो गया।
अजय महतो पर हत्या, चोरी और एक्साइज एक्ट सहित कुल 5 मामले दर्ज हैं, जिनमें दिल्ली, हरियाणा और बिहार में केस शामिल हैं।