गुरुग्राम स्थित ‘आरुही हर्बल्स’ ने मंदिरों से इकट्ठा किए गए फूलों को पुनर्चक्रित कर पर्यावरण-सुधार और महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम की है। यह पहल ‘तेरा तुझको अर्पण’ के भाव को आत्मसात करती है, जिसमें मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों का सही उपयोग सुनिश्चित किया गया है। इन फूलों को हर्बल और हस्तनिर्मित उत्पादों में बदला जाता है, जिससे पर्यावरणीय कचरे को रोका जा सके।
MSME के द्वारा यह स्टॉल प्रगति मैदान के इंडियन इंटरनेशनल ट्रेड फेयर हॉल नंबर 6 में लगा है
आरुही हर्बल्स का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को स्वच्छ रखना और महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। फूलों की इस अनोखी रीसाइक्लिंग तकनीक से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। यह पहल महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ देश के विकास में योगदान देती है।
आरुही हर्बल्स ने एमएसएमई के सहयोग से 5 दिवसीय प्रमाणन कोर्स का आयोजन किया है, जो युवाओं और महिलाओं को फूलों के पुनर्चक्रण और हर्बल उत्पाद निर्माण की तकनीकों में प्रशिक्षित करता है। यह कोर्स पर्यावरण-अनुकूल तकनीक और व्यावसायिक कौशल को बढ़ावा देता है।
यह पहल न केवल पर्यावरणीय संकट का समाधान प्रस्तुत करती है बल्कि भारतीय संस्कृति के पवित्र फूलों को सम्मान देने की एक नई राह भी दिखाती है।