दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने डीटीसी बस मार्शलों की बहाली को लेकर झूठी उम्मीदें दीं और कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने बताया कि 3 अक्टूबर को दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) से मिलने के लिए तय बैठक में न तो कोई AAP विधायक, न कोई मंत्री और न ही खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहुंचे।
गुप्ता ने आरोप लगाया कि AAP सरकार केवल जनता को गुमराह कर रही है और मार्शलों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। 26 सितंबर को सरकार ने मार्शलों की बहाली की घोषणा तो की थी, लेकिन कोई कैबिनेट नोट तैयार नहीं किया गया, न ही कैबिनेट की कोई बैठक बुलाई गई और न ही एलजी के पास किसी प्रकार का प्रस्ताव भेजा गया।
उन्होंने यह भी कहा कि 26 सितंबर को विधानसभा में जब मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केजरीवाल का आदेश पढ़ा, तब उन्होंने जानबूझकर उन पंक्तियों को छिपा लिया जो मार्शलों की नौकरी से निकाले जाने के बारे में थीं। गुप्ता ने कहा कि यह AAP का दूसरा छलावा है, जिसमें वे अब मगरमच्छ के आंसू बहाकर मार्शलों के प्रति सहानुभूति दिखाने का नाटक कर रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि AAP केवल खोखले वादे कर मार्शलों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) मार्शलों की बहाली के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए विधानसभा में प्रस्ताव भी पेश किया गया था, लेकिन सरकार की उदासीनता से यह स्पष्ट हो गया है कि वह मार्शलों की नौकरियां बहाल नहीं करना चाहती।
गुप्ता ने कहा कि यह वही अरविंद केजरीवाल हैं जिन्होंने 11 अक्टूबर 2023 को मार्शलों को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया था। अब अगर AAP सरकार वास्तव में इन मार्शलों के हित में काम करना चाहती है, तो उन्हें बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर, कैबिनेट की मंजूरी के साथ नए आदेश जारी कर 10,000 मार्शलों को बहाल और नियमित करना चाहिए, ताकि इन मार्शलों और उनके परिवारों को न्याय मिल सके।