(08/03/2015) 
महिला दिवस पर "खास पंचायत"
8 मार्च को महिला सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिए पूरे विश्न में वूमेन डे मनाया जा रहा है। वहीं यमुनानगर में एक ऐसी पंचायत है जहां कि सरपंच खुद एक महिला हैं और उसके पंच भी महिला हैं...

गांवों की पंचायते तो अपने कई देखी होगी और पंचायत के फैसले भी कई सुने होंगे लेकिन हम लोग आपको यमुनानगर के एक गांव की ऐसी पंचायत दिखाते है जहाँ महिला ही सरपंच है और महिलाए ही पंच ऐसे में गांव में न तो विकास की कमी है ओर न ही कोई अन्य बल्कि गांव की तरक्की के लिए गोबर गैंस प्लांट से लेकर बिजली की बचत के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए है और हर रविवार पंचायत के मैम्बर गांव में सफाई अभियान चलाकर गांव को साफ सुथरा बनाते है।

पूरे हरियाणा की हम बात करे तो यहा सैकडों पंचायते है लेकिन अकेले यमुनानगर के गांव भगवान पुर की ही एक ऐसी पंचायत है जिसमें हर तरफ महिलाओ का ही बोलबाला है पिछले दस सालो से महिलाओं की पंचायत होने के कारण गांव में कोई भी ऐसा विकास कार्या नही है जिसको लेकर गांव अछूता हो गांव की पक्की गलियों से लेकर बिजली का पुख्ता बदोबस्त ओर इससे भी बढिया बात कि गांव में हर तरफ स्ट्रीट लाइट तो है लेकिन वह भी सीएलएफ और गांव में रात के समय लाइट जाने के बाद भी गांव की गलियों में अंधेरा न हो इसके लिए स्ट्रीट लाइट को इंनवेटर से जोडा गया है और ऐसे में इस महिला प्रधान गांव में बिजली की बचत के लिए जगह जगह स्लोगन भी लिखे है गांव की खास बात तो यह भी है कि गांव की गलिया भले ही साफ सुथरी एवं पक्की हो लेकिन इनका सफाई व रख रखव का जिम्मा भी इन महिलाओ पर ही है गांव में हर रविवार को पंचायत की तरफ से एक विशेष अभियान चलाया जाता है और इसके तहत यह निर्णय लिया जाता है कि गांव में इस रविवार को सफाई पर ध्यान देना है या फिर लोगो को जागरूक करना हालाकि गांव के इस रवैय को लेकर पानीपत में हुई पीएम की रैली में इस पंचायत को भी सम्मानित किया जा चुका है।

 गांव की इस पंचायत को बनाने के लिए भले ही महिलाओ का इतना योगदान नही है लेकिन जब से पंचायत बनी है तब से हर आदमी इन महिलाओ की तारीफ जरूर करता है दराअस्ल 10 साल पहले जब इस गांव में पंचायत नही थी तो दूसरे गांव में महिलाओं को ज्यादा भाव नही दिए जाते थे और हर फैसले से महिलाओं को दूर रखा जाता था लेनिक समय बदल गया और अब हर व्यक्ति इन महिलाओं के आगे आकर अपना दुख सुख सांझा करता है और यहा की खासियत भी है कि गांव का कोई भी ऐसा मामला नही है जिसे पुलिस थाने में जाकर निपटाया गया हो कोई भी मामला हो जाए तो उसे गांव में ही हल करने की बात कही जाती है ऐसे में गांव की पंच महिलाए भी सरपंच के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती है यह महिलए रसोई से जुडी हुई है और पिछले प्लान में जब गैस के भाव आसामा छू रहे थे तो तब भी इन्होंने एक युक्त लडाकर गांव में गाय भैंस के गोबर से जगह जगह लोगो को गोबर गैस प्लांट लगाने की स्लाह दी और अब गांव में दस से बीस के बीच गोबर गैस प्लांट है जिनका लोग भी जमकर फायदा उठा रहे है ऐसे में यह महिलाए तारीफ के लायक है और इनकी सरहाना गाव तो गांव अन्य लोग भी करते नही थकते यही नही इन महिलाओं की माने तो अब तो यह स्वयं पंचायत चला रही है लेकिन आगे आकर यह अपने गांव की बहु व बेटियों को भी पंचायत का हिस्सा बनाने के लिए जा रही है इनकी माने तो आने वाले चुनाव में हर बहु बेटी को चांस दिया जाएगा ताकि वह भी गांव के लिए कुछ न कुछ कर सके।

यमुनानगर से प्रवीण मुदगिल की रिपोर्ट

Copyright @ 2019.