क्या हुआ देश के वेष को मेरे,
बढ़ा आधी आबादी पर अत्याचार।
जिसे पूजते हैं हम देवालय में,
उसके ऊपर अपराधों की भरमार।।
कोई कपटी टुकड़े पैंतीस कर रहा,
कोई विल्डिंग से धक्का रहा मार।
कहीं सूटकेस में लाश मिल रही,
कहीं नींच फेंक रहे नहर की धार।।
सरकारें कहतीं अपराध कम हुआ,
हम सबसे बढ़के, बड़के पहरेदार।
पर हाल बेहाल है उस बेटी का,
धन्य समझते जिसका पांव पखार।।
क्या वही लोग हैं हम सब,
जो घूमते देवालय में लेकर हार।
इच्छा पूर्ण का वरदान मांगते,
देवी के आगे दोनों हाथ पसार।।
कोई दुष्ट न कर सके उत्पीड़न,
यत्न कीजिए देश की सरकार।
आंकड़ेबाजी से न काम चलेगा,
चौतरफा हकीकत देखो नजर मार।।
माडल ले लेकर मुख्यमंत्री घूमें,
करते चौतरफा माडल का प्रचार।
देख लो माडल वाले माननीय,