(27/03/2015) 
सुफीयाना रंग जिसमें मदहोश हो जाए सब
रॉकस्टार फिल्म का सुफी गाना कुन फाया कुन के सुफी गायक निज़ामी बंधू और "दमा दम मस्त कलंदर" गाना गाने वाले सुफी ब्रादर्स एक साथ स्टेज पर गाने वाले है। सुफी ब्रॉदर्स अरमान अली और इमरान अली पाकिस्तान सूफी गायक है वहीं निज़ामी बंधू में चांद, शादाब और सोहराब निजामी भारतीय सुफी गायक है।

सुफियाना रंग कर के एक प्रोग्राम दिल्ली के कमानी ऑडोटोरियम में किया जा रहा है। यह सुफी प्रोग्राम 28 मार्च को होगा।

सुफी गाने का मतलब ही होता है जो दिल को छु जाए। सुफी गाने में कव्वाली की तरह से गाया जाता है।

हर गानों का एक समय होता है लेकिन सुफी गाने सुनने का कोई वक्त तय नहीं है जब सुनों दिल खुश ही होता है। इंसान की हकीकत को बयान करती है सुफी गायिकी।

अमर अकबर एंथोनि फिल्म की कव्वाली "पर्दा है पर्दा"  आज भी लोगों के दिलों पर राज करती है। उसी तरह से नुसरत फतह अली खान के कज़न सुफी ब्रादर्स की कव्वाली "दमा दम मस्त कलंदर", अली अली मौला और मन कुन्तो मौला फा हाजा अली युन मौला" जब भी कोई सुनता है तो उसके अंदर एक अलग ही विश्वास पैदा होता है।

सिकंदर घराने से ताल्लुक रखने वाले निज़ामी बंधू की कव्वाली पूरे विश्व में कायम है। उनकी कव्वाली हर किसी का दिल जीत लेती है चाहे उसमें युवा हो या बुजुर्ग। हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया की शान में ज्यादातर आपने इनकी कव्वाली सुनी होगी। जभी रॉकस्टार फिल्म की कव्वाली कुन फाया कुन अभी भी हर किसी के दिल पर राज कर रही है।

ऐसे प्रसिद्ध सुफी गायक 28 मार्च को दिल्ली में अपनी कव्वाली से सबके दिलों पर छाने के लिए फिर से आरहे हैं। कव्वाली सुनने वालें लोगों के लिए ये बहुत अच्छा अवसर होगा जहां वो हिंदुस्तान और पाकिस्तान के मशहुर सुफी गायको को सुनेंगे।

अली अब्बास नक़वी-संवाददाता

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