(05/04/2015) 
अब सिर्फ दो घंटे तक ही देख सकेंगे ताजमहल
ताजमहल का दीदार अब पर्यटक सिर्फ दो घंटे तक ही कर सकेंगे। इसके पीछे सरकार की मंशा भीड़ को कम करना बताया जा रहा है। अभी तक पर्यटक एक बार टिकट लेकर पूरे दिन ताज का दीदार करते थे। ऎसे में जहां पर्यटकों की संख्या बढ़ती जाती थी, वहीं विदेशी यात्रियों को भी लाइन में खड़ा होकर भीड़ से उत्पन्न होने वाली परेशानी का सामना करना पड़ता था। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने ऎसा प्रस्ताव केन्द्र को भेजा है। उधर, पर्यटन से जुड़े कई संगठन भी कहते हैं कि ज्यादा भीड़ से इस ऎतिहासिक इमारत को भी नुकसान पहुंच सकता है।

ताजमहल की वर्ष 2003 से पहले की तस्वीरें देखने से पता चलता है कि यमुना नदी इस भव्य इमारत के पीछे की नींव के करीब से बहती थी। यहां तक कि नदी का पानी इमारत की पीछे वाली दीवार से सटकर बहता था। लेकिन यमुना धीरे-धीरे पीछे खिसकती चली गई। सूखी जमीन पर अब पार्क बन गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने जो पार्क विकसित किया है, उसने जगह की खूबसूरती में तो चार चांद लगा दिए हैं, लेकिन विश्व प्रसिद्ध संगमरमर के मकबरे से यमुना नदी को 100 गज दूर कर दिया है।

17वीं शताब्दी में बनी प्रेम की प्रतीक इस स्मारक की नींव के लिए यह पार्क खतरनाक साबित हो सकता है। मुगल काल के प्रसिद्ध इतिहासकार और लेखक आर. नाथ ने चेताया है कि यह इमारत झुक सकती है अथवा धंस सकती है। ताज की नींव की मजबूती यमुना पर निर्भर है, जिसे अपने पूरे प्रवाह के साथ बहना चाहिए और इस विशाल संरचना के पीछे के हिस्से को छूना चाहिए।

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