(07/04/2015) 
मंत्री ही तोड़ रहे हैं कानून
भारत सरकार के मंत्री की कोई ना कोई गलती इन दिनों चर्चा में आती ही रह है। चाहे गिरीराज सिंह का बयान हो या अब उड्डयन मंत्री का हवाई जहाज में माचिस ले जाना। भारत के उड्डयन मंंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि वे मंत्री बनने के बाद हमेशा माचिस की डिब्बी अपने साथ हवाई जहाज में ला जाते हैं।

नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल मंत्री बनने से पहले सुरक्षा जांच में उनकी माचिस की डिब्बी और लाइटर एयरपोर्ट पर ही रखवा लिया जाता था। इसतरह वह अपने बहुत सी माचिसें और लाइटर गंवा चुके थे। लेकिन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद से लोगों ने उनकी चेकिंग करनी बंद कर दी। इसलिए वह माचिस की डिब्बी लिए हुए ही विमान में सवार हो जाते हैं। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने यह बेहद गैरजिम्मेदाराना हरकत तब उजागर की है जब देश में कुछ महीने पहले ही विमानों की सुरक्षा पर आतंकी खतरा मंडराने का अलर्ट जारी हो चुका है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका में 9/11 के आतंकी हमले के बाद से भारत में विमान के अंदर प्रतिबंधित सामग्रियों में माचिस की डिब्बी और लाइटर दोनों ही शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री और राजग के घटक दल तेलगुदेसम पार्टी के वरिष्ठ नेता राजू से जब पूछा गया कि क्या माचिस की डिब्बी विमान में ले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए, इस पर उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता। एक माचिस की डिब्बी तो अभी भी मेरी जेब में है। इसमें कोई छिपी बात नहीं है।' जब उनसे पूछा गया कि क्या आप अभी भी विमान यात्रा के समय माचिस साथ रखते है? उन्होंने कहा कि यह एक सच्चाई है जो मैंने अभी जाहिर की है। विमान यात्राओं में सुरक्षा मानकों का माखौल उड़ाते हुए कहा कि दुनिया में कहीं भी उन्होंने माचिस से विमान में कोई खतरा होने की बात अब तक नहीं सुनी है। राजू ने कहा कि संवाददाता इस बात का बहुत बड़ा मुद्दा बनाने वाले हैं, लेकिन उनका मानना है कि सुरक्षा मानक बाधक होने के बजाय अर्थपूर्ण होने चाहिए। इसलिए सुरक्षा को बाधक बनाए बगैर अर्थपूर्ण बनाने के तरीकों पर विचार किया जाना चाहिए

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