(08/04/2015) 
सोमेश गोयल द्वारा "येलोस्टोन - एक कलात्मक दृष्टिकोण" विषय पर फोटो प्रर्दशनी
नई दिल्ली :जाने माने सेलेब्रिटी फोटोग्राफर, प्रख्यात लेखक एवं भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी सोमेश गोयल द्वारा 8 से 14 अप्रैल तक आईफैक्स आर्ट गैलरी' मे 'यैलोस्टोन-एक कलात्मक दृष्टिकोण' शीर्षक पर आधारित एक सुन्दर एवं कलात्मक छाया चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यह प्रर्दशनी आम जनता के लिये सुबह 10.00 बजे से शाम 07.00 बजे तक रोजाना खुली रहती है।

सयुक्त राज्य अमेरिका के व्योमिंग राज्य मे स्थित "येलोस्टोन पार्क" अपने नैसर्गिक सौन्द्रर्य, वन्य जीव विविधता, प्राकृतिक सुन्दरता, भूतापीय प्राकृतिक सरंचनाओं एवं विशालतम क्षेत्रफल के रूप में प्रसिद्ध प्रथम राष्ट्रीय उधान/पार्क के नाम से प्रख्यात है। इसी राष्ट्रीय पार्क की प्राकृतिक कलात्मकता, विविधताओं, नैसर्गिक सौन्दर्य एवं वन्यजीव अभयारणय "यैलोस्टोन-एक कलात्मक दृष्टिकोण" शीर्षक के अतंगत अपने छायाचित्रों के माध्यम से सोमेश गोयल ने सजीव चित्रण करने का खूबसूरत प्रयास किया है।
 येलोस्टोन पार्क की स्थापना अमरीकी कांगेस के द्वारा की गयी थी जो मुख्य रूप से अमेरीका के व्योमिंग प्रांत में स्थित है एवं इसका कुछ भाग मोन्टाना एवं इडाहो राज्यों मे भी है। येलोस्टोन दुनिया का पहला राष्ट्रीय पार्क है। यह अपने समृध्द वन्यजीव सम्पदा एवं भू-तापीय प्राकृतिक संरचनाओं के लिए जाना जाता है। यहां का 'ओल्ड फेथफूल गीजर' सबसे लोकप्रिय प्राकृतिक संरचना है। येलोस्टोन अमरीका महाद्वीप का सबसे बड़ा एवं प्रसिद्ध जैव स्थल है। यहां पर ग्रिजली भालू, भेडि़ये एवं जगंली भैसों के झुंड बहुतायत में दिखाई पड़ते हैं। इस पार्क की स्थापना 1872 में अमरीका के प्रथम राष्ट्रीय पार्क के रूप में की गयी। इसके पश्चात राष्ट्रीय पार्क स्थापित करने की परम्परा पूरे विश्व में प्रचलित होती चली गयी।
 येलोस्टोन पार्क में प्रतिवर्ष लगभग 30 लाख पर्यटक आते हैं। 1872 में अमरीकी कांग्रेस द्वारा स्थापति इस पार्क में 10000 भू-आकृतियां हैं जिनमें 500 प्राकृतिक गीजर हैं। सुन्दरतम पर्वतीय दृश्यों के साथ यह विश्व का प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य है। यहां पर अमेरिका के प्राकृतिक गीजरों एवं गर्म झरनों का सबसे अधिक धनत्व है जो धरती के निर्माण की ताकतों को निर्विष्ट करते हैं। 
गोयल पिछले तीस वर्षों से फोटाग्राफी से जुडे है। प्रकृति, वन्यजीव, प्राचीन ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व की वास्तुकला एवं भवन निमार्ण उनके छायांकन का विषय रहे है। वर्ष 2009 मे वे 'फूजी फिल्म' द्वारा चयनित छ विशिष्ट छायाकारो मे से एक है। 
गोयल इससे पूर्व अपने छायाचित्रो की एकल प्रदर्शनीयों का आयोजन इडियंन हैबीटेट सैंटर, ललित कला अकादमी लोकायत आर्ट गैलरी एवं सी.एस.ओ. आई कला दीर्घा दिल्ली, जहांगीर आर्ट गैलरी, मुम्बई, गैलरी आफ फाईन आर्ट, कोलकाता एवं नेहरू केन्द्र, लन्दन में भी सफल आयोजन कर चुके है।
 इसके अतिरिक्त गोयल द्वारा रचित अनेक यात्रा वृतांत एवं वन्यजीव सस्ंमरण अनेकों समाचार पत्रों एवं प्रमुख मैगजीनोें मे प्रकाशित हो चुके है। 
सोमेश गोयल द्वारा रचित आठ कृतियों मे सीमा सुरक्षा बल एवं सशस्त्र सीमा बल पर काॅफी टेबल बुक, लाहौल स्पीति घाटी, सीमा सुरक्षा बल, स्ट्राईप्स इन द वाईलड एवं काॅमन बर्डस आफ शिमला प्रमुख कृतियाँ है। हरियाणा प्रदेश के रोहतक मे जन्में सोमेश गोयल भारतीय पुलिस सेवा के एक सम्मानित एवं सुसज्जित वरिष्ठ अधिकारी है। वर्तमान मे गोयल, सशस्त्र सीमा बल मेे अपर महानिदेशक के पद पर कार्यरत है। इससे पूर्व वे हिमाचल प्रदेश पुलिस, नैशनल सिक्युरिटी र्गाड, स्पेशल प्रोटेक्शन गुप एवं सशस्त्र सीमा बल मेे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके है। भारतीय पुलिस सेवा मे आने से पूर्व गोयल हरियाणा मे डिग्री कालेज मे अग्रेजी साहित्य मे अध्यापन कार्य भी कर चुके है।
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