(11/04/2015) 
नेहरू राज में हुई थी सुभाष चन्द्र बोस के परिवार की जासूसी
नेताजी सुभास चन्द्र बोस की मौत का रहस्य आज तक अनसुलझा है। इंटेलीजेंस ब्यूरो के कुछ दस्तावेजों से खुलासा हुआ है की करीब दो दशक तक 1948 से 1968 के बीच सुभाष चन्द्र बोस के परिवार वालो पर निगरानी रखी गई थी। खास बात यह है की इन बीस साल में 16 साल पंडित जवहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे,उस समय आईबी प्रधान मंत्री के अंतर्गत काम करती थी।

यह जासूसी क्यों कराई गई यह बात अभी तक साफ़ नहीं हो पाई है ।लेकिन इस बात में कोई दोराहा नहीं है की उस समय सरकार नेताजी से डरी हुई थी। क्योकि बोस एकमात्र ऐसे नेता थे जो कांग्रेस के खिलाफ विपक्ष को एकजुट कर सकते थे। फाइलों से मिली जानकारी के अनुसार नेताजी के कोलकाता स्थित दोनों घरो पर निगरानी रखी जा रही थी। आईबी के अधिकारी नेताजी के परिवार वालो द्वारा लिखे जा रहे पत्रो,बाहर से आए पत्रो को खोलकर पढ़ते थे उनकी कॉपी अपने पास रखते थे। उनके परिवार वालो की स्थानीय और विदेश यात्राओ पर निगरानी रखी जा रही थी। आईबी के अधिकारी यह जानना चाहते थे की अगर नेताजी जिन्दा है तो वो अपने परिवार वालो से जरूर संपर्क करेंगे। अगर बोस की वापसी होती तो देश उनका जरूर स्वागत करता ।
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