(16/04/2015) 
भारत में "जन-मन" (जनता की सोच) बदली है |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को कहा कि भारत में "जन-मन" यानी लोगों की सोच में बदलाव आया है। प्रधानमंत्री ने टोरंटो, कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि भारत में कैसे लोगों की सोच में सार्थक बदलाव हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंक के अधिकारियों ने कड़ी मेहनत की और बैंक से अब तक न जुड़ पाने वाले समाज के लोगों से सम्पर्क किया और इसी से प्रधानमंत्री जन-धन योजना के अंतर्गत 14 करोड़ बैंक खाते खुले। मोदी ने बताया कि किस तरह बनारस में प्रभुघाट की सफाई में नगालैंड और बनारस की दो युवतियां शामिल हुईं। लगभग 4 लाख लोगों ने एलपीजी सब्सिडी को छोड़ा है। उन्होंने कहा कि एक समाचार पत्र ने उन्हें लिखकर यह बताया है कि वह सप्ताह में एक दिन केवल सार्थक खबरें ही देगा। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सभी समस्याओं का समाधान केवल विकास है। उन्होंने कहा कि भारत का जनसांख्यिकी लाभ विशाल परिसंपत्ति है। उन्होंने कहा कि उनकी सभी नीतियों का फोकस 80 करोड़ युवा हैं। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के विजन तथा कौशल विकास पर जोर और भारत में 'श्रम के सम्मान' के भाव को बताया। उन्होंने कहा कि इससे भारत कुशल मानव शक्ति देने वाला प्रमुख वैश्विक आपूर्तिकर्ता बन सकता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह लोगों के 'जन-मन' में परिवर्तन हुआ है उसी तरह युवाओं की सोच भी बदली है। अब युवा कड़ी मेहनत को तैयार हैं, उन्हें सिर्फ सही अवसर उपलब्ध कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत को रोजगार सृजक देश बनाना है, न की रोजगार चाहने वालों का देश। प्रधानमंत्री ने फ्रांस के साथ परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए उपकरणों की अनुमति देने वाले सहमति पत्र पर हस्ताक्षर की चर्चा की। उन्होंने कहा कि इन परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को यूरेनियम कनाडा से मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे मानवता का छठा भाग पर्यावरण सुरक्षा में योगदान दे सकेगा। 
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