(18/04/2015) 
औरतों को क्यों उतारने पड़ें मंगलसूत्र
हर शादी शुदा औरत के लिए मंगलसुत्र पहनना ज़रूरी होता है लेकिन चेन्नई में द्रविदार कड़गम संगठन के एक कार्यक्रम में 20 महिलाओं ने अपना मंगलसूत्र हमेशा के लिए उतार दिया है और ज़िन्दगी में कभी भी मंगलसूत्र नहीं पहनेंगी। उन 20 औरतों ने ऐसा क्यों किया और क्या ज़रुरत पड़ी कि उन्हें मंगलसूत्र हटाना पड़ा। आइए जानते हैं उनमें से एक महिला से ...

बीएच निर्मला उन्हीं 20 औरतों में से एक औरत हैं जिन्होंने मंगलसूत्र हटाया। निर्मला ने बताया कि उनकी शादी 10 साल पहले हुई थी। मेरे परिवार वालों की तरफ से यह दबाव बनाया गया कि मंगलसूत्र पहने रहें जिसकी वजह से मैंने मंगलसूत्र पहना रहा। समय के साथ मैंने अपने आपको बदला और सोंचा कि अगर महिलाएं शादी के बाद मंगलसूत्र पहनती हैं तो पुरुष क्यों ऐसी चीज़ नहीं पहनते जिससे उनके बारे में भी पता चले। मंगलसूत्र  सिर्फ औरतों को दबाने का बहाना है ताकि वें दास जैसा महसूस करें जभी मंगलसूत्र और मेट्टी(बिछिया) पहनाया जाता है वर्ना आदमी भी ऐसी चीड़ पहनने को मजबूर किए जाते। निर्मला का कहना है कि शादी इस दिखावे से नही चलती किसी भी रिश्ते में प्यार होना बहुत ज़रूरी है जिसकी वजह से ही रिश्ता ज़िन्दगी भर चलता है। पति पत्नी के रिश्ते में इमानदारी होनी चाहिए वे ही सबसे बड़ा उपहार होता है।

बीएच निर्मला एक प्राइवेट कंपनी में सुपरवाइज़र की पोस्ट पर काम करती हैं। उन्होंने बताया कि मंगलसूत्र उतारने का फैसला बहुत सोच समझ और विचार करके उतारा है। निर्मला के 2 बच्चे हैं जिनकी उम्र तकरीबन 7 से 8 साल हैं। निर्मला अभी से अपने बच्चों को  अपने विचार बता रही हैं। 
ऐसा नहीं कि इन 20 औरतों का समाज में विरोध ना हुआ हो। द्रविदार कड़गम द्वारा इस प्रोग्राम का पुरज़ोर विरोध हुआ। लेकिन संस्था का कहना है कि समय के साथ वह लोग भी इस सोच को स्वीकार कर लेंगे।

समाचार वार्ता
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